×
 

बीजेडी में लगातार सेंध, नेता बीजेपी में शामिल; क्या ऑपरेशन कमल है वजह या नेतृत्व संकट?

बीजेडी में लगातार दलबदल से पार्टी संकट में है। भाजपा में नेताओं के शामिल होने से नेतृत्व पर सवाल उठ रहे हैं। कई नेता इसे “ऑपरेशन कमल” और नेतृत्व संकट दोनों का परिणाम मानते हैं।

ओडिशा की राजनीति में बीजू जनता दल (BJD) लगातार कमजोर होती दिख रही है। सत्ता से बाहर हुए एक साल से अधिक समय हो चुका है, लेकिन पार्टी में नेताओं के पलायन का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा। खासकर जमीनी स्तर के कार्यकर्ता और स्थानीय नेता बड़ी संख्या में भाजपा का दामन थाम रहे हैं। इससे बीजेडी के भीतर यह आरोप तेज हो गया है कि राज्य में “ऑपरेशन कमल” चलाया जा रहा है।

नवीन पटनायक के नेतृत्व वाली पार्टी के लिए यह संकट और भी गहरा तब हो गया जब हाल ही में नौपाड़ा उपचुनाव में पार्टी को करारी हार का सामना करना पड़ा। इस हार के बाद बीजेडी के भीतर एक वर्ग ने खुलकर “मंथन” (introspection) और नेतृत्व संबंधी मुद्दों के समाधान की मांग उठाई है ताकि पार्टी भाजपा के खिलाफ मजबूत विपक्ष बन सके।

बीजेडी के लिए सबसे बड़ी चिंता यह है कि पंचायत और शहरी स्थानीय निकायों के चुने हुए नेताओं का बड़ी संख्या में बीजेपी में जाना जारी है। हाल ही में भद्रक जिले, जो भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मनमोहन समल का गढ़ माना जाता है, में बीजेडी को एक और झटका लगा। पार्टी के चार ब्लॉक स्तर के नेता — बोन्थ, भद्रक, भांदरिपोखरी और बसुदेवपुर से — बीजेपी में शामिल हो गए।

और पढ़ें: जे.पी. नड्डा बोले—जवाहरलाल नेहरू ने अनुच्छेद 370 के जरिए कश्मीर में पुराना घाव दिया

इन लगातार हो रहे दलबदल से बीजेडी का संगठनात्मक ढांचा कमजोर दिखने लगा है। पार्टी के कुछ वरिष्ठ नेताओं का मानना है कि यह केवल “ऑपरेशन कमल” का असर नहीं है, बल्कि आंतरिक नेतृत्व संकट भी एक बड़ी वजह है। नए राजनीतिक समीकरणों और बढ़ते दबाव के बीच बीजेडी को अपनी रणनीति पर पुनर्विचार करने की जरूरत है, ताकि वह राज्य की राजनीति में अपनी पकड़ दोबारा मजबूत कर सके।

और पढ़ें: महाराष्ट्र नगर निकाय चुनाव: दो पूर्व विधायकों के भाजपा में जाने से सासवड़ और भोर में कांग्रेस लगभग गायब

 
 
 
Gallery Gallery Videos Videos Share on WhatsApp Share