×
 

बिहार में 58% से अधिक दलित मतदाताओं के लिए बेरोजगारी सबसे बड़ा चुनावी मुद्दा: सर्वेक्षण

एक सर्वेक्षण में खुलासा हुआ कि बिहार के 58% से अधिक दलित मतदाता बेरोजगारी को सबसे अहम चुनावी मुद्दा मानते हैं, जबकि 27.4% को चुनाव आयोग पर भरोसा नहीं।

राष्ट्रीय दलित और आदिवासी संघ (National Confederation of Dalit and Adivasi Associations) द्वारा कराए गए हालिया सर्वेक्षण में सामने आया है कि बिहार में दलित समुदाय के मतदाताओं के बीच सबसे बड़ा चुनावी मुद्दा बेरोजगारी है। इस सर्वेक्षण के अनुसार, 58.3% दलित मतदाता बेरोजगारी को प्रमुख मुद्दा मानते हैं, जो कि राज्य की सामाजिक-आर्थिक स्थिति पर गंभीर चिंता को दर्शाता है।

सर्वेक्षण में यह भी पाया गया कि 27.4% दलित मतदाताओं को भारत के चुनाव आयोग पर कोई भरोसा नहीं है। यह निष्कर्ष लोकतांत्रिक व्यवस्था में विश्वास की गिरावट की ओर इशारा करता है, विशेष रूप से उस समुदाय में जिसने ऐतिहासिक रूप से हाशिये पर रहते हुए लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं में अपनी भागीदारी को लेकर लगातार संघर्ष किया है।

अन्य प्रमुख चिंताओं में महंगाई, शिक्षा की कमी और स्वास्थ्य सेवाओं की खराब स्थिति शामिल हैं, लेकिन बेरोजगारी स्पष्ट रूप से शीर्ष पर है। बिहार जैसे राज्य, जहां बड़ी संख्या में युवा रोजगार के लिए पलायन करते हैं, वहां यह आंकड़ा बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

सर्वेक्षण में यह भी संकेत मिले हैं कि दलित मतदाता पारंपरिक रूप से वोट बैंक समझे जाने के बावजूद अब अधिक सजग और मुद्दा-आधारित निर्णय लेने लगे हैं। आने वाले चुनावों में यह रुझान राजनीतिक दलों के लिए नीतिगत स्तर पर नई चुनौतियां उत्पन्न कर सकता है।

 
 
 
Gallery Gallery Videos Videos Share on WhatsApp Share