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दिल्ली ब्लास्ट के दो आरोपी तुर्की में जैश हैंडलर्स से मिले थे: सूत्र

दिल्ली ब्लास्ट मामले में बड़ा खुलासा, दो संदिग्ध डॉक्टर तुर्की जाकर जैश-ए-मोहम्मद के हैंडलर्स से मिले थे। आतंकियों की योजना मुंबई 26/11 जैसे बड़े हमले की थी।

दिल्ली के लाल किले के पास हुए आत्मघाती विस्फोट की जांच में बड़ा खुलासा हुआ है। सूत्रों के अनुसार, इस घटना से जुड़े तीन संदिग्ध डॉक्टरों में से दो — डॉ. मुज़म्मिल शकील और डॉ. अदील अहमद राथर — तुर्की गए थे, जहां उन्होंने आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के हैंडलर्स से मुलाकात की थी।

जम्मू-कश्मीर पुलिस और हरियाणा पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में सोमवार सुबह इन दोनों डॉक्टरों को गिरफ्तार किया गया था। यह गिरफ़्तारी एक “व्हाइट कॉलर” आतंक मॉड्यूल को ध्वस्त करने के लिए की गई थी। पुलिस ने इनके कब्जे से 2,900 किलोग्राम विस्फोटक, असॉल्ट राइफल्स और पिस्तौलें बरामद कीं। बताया जा रहा है कि इसी गिरफ्तारी से गुस्से में आकर डॉ. उमर नबी ने आत्मघाती धमाके को अंजाम दिया।

सोमवार को लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास हुए धमाके में 13 लोगों की मौत हो गई थी। जांच से पता चला है कि आतंकियों की मूल योजना इससे कहीं बड़ी थी। वे मुंबई में 26/11 के हमले जैसी वारदात को दोहराना चाहते थे। उनके निशाने पर दिल्ली का संविधान क्लब, गौरीशंकर मंदिर और कई प्रमुख मॉल थे।

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राष्ट्रीय जांच एजेंसियां अब यह पता लगाने में जुटी हैं कि तुर्की में हुई मुलाकात के दौरान आतंकियों को किसने फंडिंग की और उन्हें दिल्ली में विस्फोटक पहुंचाने में किसने मदद की।

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