भारत गठबंधन ने सरकार की विदेश नीति की 'विफलताओं' को संसद में उठाने का किया फैसला
INDIA गठबंधन की 24 पार्टियों ने मानसून सत्र के लिए रणनीति बनाई और सरकार की विदेश नीति विफलताओं, पहलगाम आतंकी हमला, जम्मू-कश्मीर की राज्यता जैसे मुद्दों को उठाने का निर्णय लिया।
INDIA गठबंधन की 24 विपक्षी पार्टियों ने एक ऑनलाइन बैठक कर आगामी संसद के मानसून सत्र के लिए संयुक्त रणनीति तैयार की है। इस बैठक में सरकार की विदेश नीति की 'विफलताओं' को प्रमुख मुद्दा बनाकर संसद में सवाल उठाने का निर्णय लिया गया है।
बैठक में नेताओं ने स्पष्ट किया कि वे केंद्र सरकार से चीन और पाकिस्तान जैसे देशों के साथ बिगड़ते संबंधों, सीमा विवादों और कूटनीतिक विफलताओं पर जवाब मांगेंगे। इसके अलावा हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले पर भी गहरी चिंता जताई गई और इसकी पूरी जानकारी संसद में मांगी जाएगी।
बैठक में अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों पर भी चर्चा हुई, जिनमें जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा बहाल करने की मांग, बिहार में मतदाता सूची पुनरीक्षण की पारदर्शिता और देशभर में हो रही जनगणना एवं परिसीमन प्रक्रिया की निष्पक्षता शामिल है। विपक्षी नेताओं का कहना है कि इन सभी मुद्दों पर केंद्र सरकार की भूमिका अस्पष्ट और पक्षपातपूर्ण रही है।
बैठक में कांग्रेस, टीएमसी, डीएमके, आप, सपा, आरजेडी, शिवसेना (उद्धव गुट), झामुमो समेत प्रमुख विपक्षी दलों ने हिस्सा लिया। सभी ने इस बात पर सहमति जताई कि जनता से जुड़े मुद्दों और संवैधानिक अधिकारों की रक्षा के लिए संसद में एकजुट होकर आवाज़ बुलंद की जाएगी।
यह रणनीति संसद में सरकार पर दबाव बनाने और जनहित के मुद्दों को मजबूती से उठाने के उद्देश्य से बनाई गई है।