भारत की ‘अधिक जिम्मेदारी’ है PKK-तुर्की शांति प्रक्रिया में सहयोग देने की: प्र-कुर्द नेता का बयान
पीपल्स इक्वेलिटी एंड डेमोक्रेसी पार्टी के सह-अध्यक्ष ने भारत से PKK-तुर्की शांति प्रक्रिया में सक्रिय भूमिका निभाने की अपील की, ऐतिहासिक व्यापारिक और सांस्कृतिक संबंधों का हवाला दिया।
PKK-तुर्की शांति वार्ता में भारत की भूमिका ज़रूरी: प्र-कुर्द नेता ने किया समर्थन का आग्रह
तुर्की में कुर्द समुदाय का प्रतिनिधित्व करने वाली पीपल्स इक्वेलिटी एंड डेमोक्रेसी पार्टी (HEDEP) के सह-अध्यक्ष ने भारत से कुर्दिस्तान वर्कर्स पार्टी (PKK) और तुर्की सरकार के बीच चल रही शांति प्रक्रिया में सहयोग देने की अपील की है। उन्होंने कहा कि भारत की वैश्विक स्थिति और ऐतिहासिक संबंधों को देखते हुए उसकी "अधिक जिम्मेदारी" बनती है कि वह इस संघर्ष को शांतिपूर्ण समाधान की ओर बढ़ाने में योगदान दे।
नेता ने कहा कि भारत और कुर्द क्षेत्रों के बीच सदियों पुराने व्यापारिक और सांस्कृतिक संबंध हैं, जिन्होंने दोनों सभ्यताओं के बीच निरंतरता और संवाद को बनाए रखा है। उन्होंने यह भी बताया कि भारत हमेशा से ही लोकतंत्र, अहिंसा और कूटनीति के पक्ष में रहा है, और यही मूल्य कुर्द मुद्दे पर भी लागू किए जा सकते हैं।
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उन्होंने यह भी संकेत दिया कि भारत, जो तटस्थ और ऐतिहासिक रूप से विविधतापूर्ण समाज का नेतृत्व करता है, मध्यस्थता जैसी भूमिकाओं में भी प्रभावशाली हो सकता है। वर्तमान में PKK को तुर्की एक आतंकवादी संगठन मानता है, जबकि कुर्द नेताओं का मानना है कि यह एक राजनीतिक और सांस्कृतिक अधिकारों की लड़ाई है।
यह बयान ऐसे समय पर आया है जब तुर्की और कुर्द संगठनों के बीच संघर्ष एक बार फिर उग्र हो रहा है, और शांति प्रक्रिया ठप पड़ी हुई है। भारत की प्रतिक्रिया फिलहाल सामने नहीं आई है, लेकिन यह मांग अंतरराष्ट्रीय मंच पर नई बहस को जन्म दे सकती है।
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