मध्य प्रदेश में सीएम मोहन यादव के औकात बयान पर बवाल, कांग्रेस ने मांगी माफी
मुख्यमंत्री मोहन यादव के “औकात” बयान पर कांग्रेस ने आपत्ति जताई और सार्वजनिक माफी की मांग की। बीजेपी ने आरोपों को राजनीतिक ड्रामा करार दिया।
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव के “औकात” बयान ने बड़ा राजनीतिक विवाद खड़ा कर दिया है। भोपाल के जंबूरी मैदान में आयोजित राज्य स्तरीय सरपंच सम्मेलन में मुख्यमंत्री ने कहा, “कोई सचिव अगर काम नहीं करेगा तो हटा देंगे, इनकी क्या औकात है।” उनके इस बयान के बाद विपक्ष ने तीखी प्रतिक्रिया दी है।
राज्य कांग्रेस अध्यक्ष जीतु पटवारी ने इसे “सरकारी कर्मचारियों और ग्राम स्वराज की भावना का अपमान” बताते हुए मुख्यमंत्री से तत्काल सार्वजनिक माफी की मांग की है। पटवारी ने कहा कि मुख्यमंत्री ने सचिवों और रोजगार सहायकों को अपशब्द कहकर लोकतांत्रिक मर्यादाओं का उल्लंघन किया है।
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने अपने संबोधन में कहा कि सरपंच ही सरकार की योजनाओं को धरातल पर लागू करते हैं और पंचायतों को मजबूत करना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने घोषणा की कि पंचायतों को अब 25 लाख रुपये तक के विकास कार्यों की स्वीकृति का अधिकार दिया जाएगा, और प्रत्येक प्रतिनिधि को 50 हजार रुपये की विकास निधि मिलेगी। साथ ही उन्होंने 2,472 अटल पंचायत भवन, 1,037 सामुदायिक भवन, 106 जनपद पंचायत कार्यालय और 5 जिला पंचायत भवनों के निर्माण को मंजूरी दी।
कांग्रेस नेता पटवारी ने आरोप लगाया कि ग्रामीण विकास मंत्रालय “50 प्रतिशत कमीशन” पर काम करता है। उन्होंने कहा, “मुख्यमंत्री को सचिवों और रोजगार सहायकों को गाली देने के बजाय उनके अधिकारों की रक्षा करनी चाहिए। यह बयान उनकी मानसिकता को दर्शाता है।”
वहीं, बीजेपी ने कांग्रेस के आरोपों को “राजनीतिक नाटक” बताते हुए कहा कि सरकार पंचायत व्यवस्था को सशक्त बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।
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