संसद मानसून सत्र: पहले सप्ताह की कार्यवाही रही बेअसर, अब पहलगाम हमले और ऑपरेशन सिंदूर पर होगी तीखी बहस
पहले सप्ताह के ठप सत्र के बाद संसद में अब पहलगाम हमले और ऑपरेशन सिंदूर पर 16 घंटे की बहस होगी। सरकार और विपक्ष दोनों आमने-सामने, तीखी चर्चा तय।
संसद के मानसून सत्र का पहला सप्ताह विपक्ष और सरकार के टकराव के चलते लगभग ठप रहा। लेकिन अब सत्र के दूसरे सप्ताह में हालिया पहलगाम आतंकी हमले और "ऑपरेशन सिंदूर" को लेकर संसद के दोनों सदनों में तीखी बहस की तैयारी है।
सरकार और विपक्ष दोनों ने इस विषय पर लंबी चर्चा की सहमति दी है। प्रत्येक सदन में 16 घंटे की मैराथन बहस प्रस्तावित है, जो आमतौर पर इससे भी अधिक समय तक खिंच जाती है। इस चर्चा में राष्ट्रीय सुरक्षा, आतंकवाद से निपटने की रणनीति, सेना की भूमिका और खुफिया तंत्र की मजबूती जैसे मुद्दे उठाए जाएंगे।
पहलगाम में हाल ही में हुए आतंकी हमले ने देश को झकझोर दिया है, जिसमें कई जवान शहीद हुए और नागरिक हताहत हुए। वहीं, सेना द्वारा चलाए गए "ऑपरेशन सिंदूर" को एक बड़ी कामयाबी के रूप में देखा जा रहा है, जिसमें आतंकवादियों को निशाना बनाकर घाटी में शांति बहाल करने की कोशिश की गई।
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विपक्ष सरकार पर खुफिया तंत्र की विफलता और आतंकी घटनाओं की पुनरावृत्ति पर सवाल उठा सकता है, जबकि सरकार "ऑपरेशन सिंदूर" की सफलता को अपनी रणनीतिक मजबूती का उदाहरण बताएगी।
इस बहस को लेकर देशभर की नजरें संसद पर टिकी हैं, क्योंकि इससे न सिर्फ आतंकी घटनाओं पर सरकार की नीति स्पष्ट होगी बल्कि सुरक्षा और आंतरिक नीति पर विपक्ष के रुख की भी झलक मिलेगी।