राहुल गांधी का आरोप: बच्चे ज़हरीली हवा में साँस ले रहे हैं, सरकार मूक दर्शक बनी हुई है
राहुल गांधी ने वायु प्रदूषण को स्वास्थ्य आपातकाल बताते हुए संसद में तत्काल बहस और सख्त कार्ययोजना की मांग की। उन्होंने कहा कि बच्चे जहरीली हवा में घुट रहे हैं और सरकार चुप है।
लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने शुक्रवार (28 नवंबर 2025) को देश में बढ़ते वायु प्रदूषण को “स्वास्थ्य आपातकाल” बताते हुए संसद में तात्कालिक और विस्तृत बहस की मांग की। उन्होंने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि बच्चे ज़हरीली हवा में साँस लेने को मजबूर हैं, लेकिन मोदी सरकार इस गंभीर संकट पर “चुप बैठी हुई है”।
राहुल गांधी ने बताया कि उन्होंने हाल ही में कुछ माताओं से मुलाकात की, जिन्होंने उनसे साझा किया कि उनके बच्चे लगातार बीमार पड़ रहे हैं, थकान महसूस कर रहे हैं, डर और गुस्से में हैं क्योंकि वे हर दिन जहरीली हवा में जी रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह स्थिति बच्चों के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य दोनों पर गहरा असर डाल रही है और सरकार की निष्क्रियता चिंताजनक है।
उन्होंने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर लिखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सीधे संबोधित किया—
“मोदी जी, भारत के बच्चे हमारे सामने घुट रहे हैं। आप चुप कैसे रह सकते हैं? आपकी सरकार में कोई तत्परता, कोई योजना और कोई जवाबदेही क्यों नहीं है?”
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उन्होंने आगे कहा कि बच्चों का अधिकार है कि वे साफ, सुरक्षित हवा में सांस लें। उन्हें “बहानों और ध्यान भटकाने वाली बातों” की नहीं, बल्कि ठोस और तेज़ कार्रवाई की जरूरत है।
राहुल गांधी ने जोर देकर कहा कि सरकार को तुरंत एक व्यापक कार्ययोजना बनानी चाहिए, जिसमें वायु गुणवत्ता में सुधार के लिए वैज्ञानिक उपायों, निगरानी प्रणालियों की मजबूती, औद्योगिक उत्सर्जन पर नियंत्रण, और बच्चों के स्वास्थ्य की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाए।
उन्होंने कहा कि यह केवल दिल्ली का नहीं, पूरे देश का मुद्दा है और इसे अनदेखा करना बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने जैसा है।
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