उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी में बगावत: वंशवाद के आरोप में सात नेताओं का इस्तीफा
आरएलएम में वंशवाद के आरोपों पर सात नेताओं ने इस्तीफा दिया। उपेंद्र कुशवाहा द्वारा अपने बेटे दीपक प्रकाश को मंत्री बनाने पर पार्टी में बगावत तेज हो गई है।
उपेंद्र कुशवाहा के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय लोक मोर्चा (RLM), जो एनडीए की सहयोगी पार्टी है, में गुरुवार (27 नवंबर 2025) को बड़ा राजनीतिक उलटफेर देखने को मिला, जब पार्टी के सात सदस्यों ने एक साथ इस्तीफा दे दिया। इन सदस्यों ने पार्टी अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा पर वंशवाद को बढ़ावा देने का गंभीर आरोप लगाया है।
आरएलएम के भीतर असंतोष तब बढ़ गया जब उपेंद्र कुशवाहा ने अपने बेटे दीपक प्रकाश को बिहार सरकार के पंचायती राज मंत्री के रूप में शामिल करा दिया। यह निर्णय कई पार्टी नेताओं को नागवार गुजरा, क्योंकि दीपक प्रकाश न तो विधानसभा सदस्य हैं और न ही विधान परिषद के सदस्य। पार्टी नेताओं का कहना है कि आरएलएम में वरिष्ठ और अनुभवी नेताओं की अनदेखी करते हुए उन्हें दरकिनार किया गया।
उपेंद्र कुशवाहा स्वयं राज्यसभा सदस्य हैं जबकि उनकी पत्नी स्नेहलता कुशवाहा हाल ही में समाप्त हुए बिहार विधानसभा चुनाव में सासाराम सीट से विजयी हुईं। ऐसे में उनके बेटे को मंत्री पद दिए जाने को पार्टी नेताओं ने ‘खुला वंशवाद’ बताया है।
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हाल ही में हुए बिहार विधानसभा चुनाव में आरएलएम ने एनडीए गठबंधन का हिस्सा रहते हुए छह सीटों पर चुनाव लड़ा था, जिनमें से चार सीटों पर उसे जीत मिली। इसके चलते पार्टी को एक मंत्री पद भी मिला था, लेकिन उस मंत्री पद पर उपेंद्र कुशवाहा ने अपने बेटे दीपक प्रकाश को नियुक्त करने का फैसला लिया।
इस्तीफा देने वाले सात नेताओं ने सामूहिक रूप से आरोप लगाया कि पार्टी में परिवारवाद हावी हो गया है, और पार्टी प्रमुख केवल अपने परिवार के राजनीतिक भविष्य को सुरक्षित करने में लगे हैं। इस्तीफों के बाद आरएलएम में बड़ी राजनीतिक हलचल शुरू हो गई है, और माना जा रहा है कि यह विवाद एनडीए गठबंधन के भीतर भी असहजता पैदा कर सकता है।
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