17 साल के आत्मनिर्वासन के बाद बीएनपी नेता तारिक रहमान बने बांग्लादेशी मतदाता
17 साल बाद स्वदेश लौटे बीएनपी नेता तारिक रहमान ने मतदाता सूची में नाम दर्ज कराया, एनआईडी प्रक्रिया पूरी की, जबकि अवामी लीग ने इसकी वैधता पर सवाल उठाए।
बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) के कार्यकारी अध्यक्ष तारिक रहमान ने शनिवार (27 दिसंबर, 2025) को ढाका स्थित चुनाव आयोग (ईसी) कार्यालय में जाकर मतदाता सूची में अपना नाम दर्ज कराया और राष्ट्रीय पहचान पत्र (एनआईडी) बनवाने की औपचारिकताएं पूरी कीं। यह प्रक्रिया उन्होंने लंदन में 17 वर्षों से अधिक समय तक आत्मनिर्वासन में रहने के बाद बांग्लादेश लौटने के दो दिन बाद पूरी की।
60 वर्षीय तारिक रहमान कड़ी सुरक्षा के बीच चुनाव आयोग कार्यालय पहुंचे, जहां उन्होंने बायोमेट्रिक पंजीकरण के तहत फिंगरप्रिंट और आईरिस स्कैन कराया। इससे पहले उन्होंने ऑनलाइन माध्यम से मतदाता पंजीकरण के लिए आवेदन किया था। चुनाव आयोग के राष्ट्रीय पहचान पंजीकरण विंग के महानिदेशक एएसएम हुमायुन कबीर ने बताया कि सभी औपचारिकताएं पूरी कर ली गई हैं और उन्हें 24 घंटे के भीतर एनआईडी कार्ड मिल जाएगा। तारिक रहमान की बेटी जाइमा ने भी एनआईडी कार्ड के लिए पंजीकरण कराया।
चुनाव आयोग कार्यालय के आसपास कड़े सुरक्षा इंतजाम किए गए थे। बांग्लादेश सेना, रैपिड एक्शन बटालियन (आरएबी), अंसार और पुलिस के जवान पूरे इलाके में तैनात रहे।
और पढ़ें: मेडिकल कॉलेज प्रवेश विवाद पर जम्मू में लोक भवन के बाहर प्रदर्शन, एलजी का पुतला फूंका
गौरतलब है कि बांग्लादेश में वर्ष 2008 में पहली बार फोटो और बायोमेट्रिक डाटा वाली मतदाता सूची लागू की गई थी। उस समय 2007-08 के राजनीतिक संकट के बाद सेना समर्थित अंतरिम सरकार सत्ता में थी। उस दौर में पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया के पुत्र तारिक रहमान राजनीतिक कैदी थे। जेल से रिहा होने के बाद वे 11 सितंबर 2008 को लंदन चले गए थे।
विदेश में रहने के कारण उनका नाम मतदाता सूची में दर्ज नहीं हो सका और शेख हसीना के नेतृत्व वाली अवामी लीग सरकार के दौरान भी वे बांग्लादेश लौटकर पंजीकरण नहीं करा पाए। पूर्व चुनाव आयोग अधिकारियों के अनुसार, कानून के तहत कोई भी योग्य नागरिक किसी भी समय मतदाता सूची में शामिल हो सकता है।
बांग्लादेश में 12 फरवरी को आम चुनाव होने हैं। तारिक रहमान अपने पैतृक बोगुरा सदर (बोगुरा-6) सीट से चुनाव लड़ने वाले हैं। हालांकि, अंतरिम सरकार द्वारा चुनाव से प्रतिबंधित अवामी लीग ने अंतिम मतदाता सूची जारी होने के बाद उनका नाम जोड़े जाने की वैधता पर सवाल उठाए हैं और इसे कानून का उल्लंघन बताया है।
और पढ़ें: बलात्कार मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सजा रद्द की, कहा—पक्षों को मिलाने का था छठा इंद्रिय बोध