ठाकरे भाइयों का गठबंधन तय, कांग्रेस ने कहा– अब आगे साथ नहीं चलेगी
ठाकरे भाइयों के गठबंधन की औपचारिक घोषणा तय, बीएमसी चुनाव में कांग्रेस अलग राह पर चलेगी, विचारधारात्मक मतभेदों के चलते महाविकास आघाड़ी में दरार गहरी।
महाराष्ट्र की राजनीति में बड़ा बदलाव सामने आया है। उद्धव ठाकरे की शिवसेना (यूबीटी) और राज ठाकरे की महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (एमएनएस) के बीच गठबंधन को औपचारिक रूप दिए जाने की घोषणा जल्द की जाएगी। यह जानकारी शिवसेना (यूबीटी) के वरिष्ठ नेता संजय राउत ने दी। उन्होंने स्पष्ट किया कि मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) चुनाव में कांग्रेस अब उनकी सहयोगी नहीं रहेगी।
संजय राउत ने बताया कि उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे के बीच लंबे समय बाद हुआ यह राजनीतिक पुनर्मिलन पूरी तरह तय है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस से अब इस विषय पर कोई चर्चा नहीं होगी। यह बयान राहुल गांधी से टेलीफोन पर बातचीत के 24 घंटे से भी कम समय बाद आया।
राउत ने कहा, “चुनाव के दौरान कांग्रेस से कोई दुश्मनी नहीं रखी जाएगी। चुनाव के बाद यदि जरूरत पड़ी तो कांग्रेस का समर्थन लिया जा सकता है। लेकिन हमें पूरा विश्वास है कि दोनों भाई मिलकर बीएमसी में 100 से ज्यादा सीटें जीतेंगे।”
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कांग्रेस ने भी साफ कर दिया है कि वह अपने रुख पर कायम है और उद्धव ठाकरे गुट के साथ गठबंधन आगे जारी नहीं रखेगी। कांग्रेस नेता सचिन सावंत ने कहा कि राज ठाकरे को महाविकास आघाड़ी का हिस्सा बताना गलत है। बीएमसी चुनाव में अब सभी दलों की विचारधाराएं अलग हो चुकी हैं और कांग्रेस इन्हीं मतभेदों के साथ आगे बढ़ेगी।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस हमेशा भाषा और धर्म के नाम पर विवाद खड़ा करने वाली राजनीति से दूरी बनाए रखती है और आगे भी ऐसा ही करेगी। सावंत ने यह भी संकेत दिया कि पार्टी के पास अन्य विकल्प खुले हैं। उन्होंने बताया कि एनसीपी (शरद पवार गुट) ने कांग्रेस से मिलकर चुनाव लड़ने का प्रस्ताव दिया है, जिस पर विचार किया जा रहा है।
गौरतलब है कि पहले महाविकास आघाड़ी को एकजुट होकर बीएमसी चुनाव लड़ाने की कोशिशें हुई थीं, लेकिन राज ठाकरे को शामिल करने पर कांग्रेस ने आपत्ति जताई थी। 2005 के बाद पहली बार ठाकरे भाइयों का साथ आना महाराष्ट्र की राजनीति में एक अहम मोड़ माना जा रहा है।
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