महाराष्ट्र विपक्ष में फूट: उद्धव सेना का कांग्रेस पर हाई कमान तंज
महाराष्ट्र में विपक्षी एकता पर संकट गहराया है। शिवसेना (UBT) और MNS के बढ़ते समीकरण पर कांग्रेस असहज है, जबकि NCP विपक्ष को एकजुट होकर भाजपा से मुकाबला करने की वकालत कर रही है।
महाराष्ट्र में विपक्षी दलों के भीतर बढ़ती खींचतान के बीच शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत ने आज कांग्रेस पर तंज कसते हुए कहा कि पार्टी की “हाई कमान” से मंज़ूरी लेने की आदत उनके फैसलों में देरी कर रही है।
राउत ने एक्स पर पोस्ट करते हुए संकेत दिया कि कांग्रेस चाहे जो सोचे, लेकिन महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) और शिवसेना (UBT) अगर साथ आना चाहते हैं, तो कांग्रेस की राय का कोई महत्व नहीं है। उन्होंने कहा कि यह जनता की इच्छा है और इस गठबंधन के लिए किसी आदेश या इजाज़त की जरूरत नहीं। उन्होंने यह भी दावा किया कि शरद पवार और वामपंथी दल भी इस एकजुटता के पक्ष में हैं।
शरद पवार की अगुवाई वाली NCP ने पहले ही संकेत दिया है कि सभी विपक्षी दलों को एकसाथ आकर भाजपा से सीधे मुकाबला करना होगा। मुंबई में एक पार्टी बैठक में पवार ने स्पष्ट कहा कि भाजपा का सामना करने का एकमात्र तरीका विपक्षी एकता है। NCP शिवसेना (UBT) के साथ गठबंधन को अंतिम रूप देने के करीब है, जिससे यह भी माना जा रहा है कि यदि MNS जुड़ना चाहे तो NCP को कोई आपत्ति नहीं होगी।
और पढ़ें: शशि थरूर की PM मोदी की प्रशंसा पर कांग्रेस का सवाल: भाषण में सराहने लायक क्या था?
NCP विधायक जितेंद्र आव्हाड़ ने कहा कि सभी “स्वाभाविक मित्रों” को एक साथ आना चाहिए—समाजवादी पार्टी, वामपंथी दल, अंबेडकरवादी दल और सभी श्रमिक संगठन चाहते हैं कि विपक्ष एकजुट होकर चुनाव लड़े।
दूसरी ओर, कांग्रेस लंबे समय से MNS का वैचारिक विरोध करती रही है। इसके बावजूद, मुंबई महानगरपालिका (BMC) चुनाव में उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे की नजदीकी ने कांग्रेस को असहज कर दिया है। कांग्रेस ने पहले ही अकेले लड़ने का ऐलान कर दिया है, जिससे MVA की चुनावी एकता पर प्रश्नचिह्न लग गया है।
हालांकि कांग्रेस ने ठाकरे भाइयों की मुलाकात का स्वागत किया है, लेकिन MNS के साथ राजनीतिक गठबंधन से अब भी दूरी बनाए रखी है।
और पढ़ें: चुनाव आयोग पर कांग्रेस का निशाना: BJP की छाया में काम न करने का तुरंत सबूत दे ECI