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पंजाब और महाराष्ट्र में शिक्षा व कृषि सुधार के लिए विश्व बैंक ने दो परियोजनाओं को मंजूरी दी

विश्व बैंक ने पंजाब में शिक्षा सुधार और महाराष्ट्र में कृषि उत्पादकता बढ़ाने के लिए दो परियोजनाओं को मंजूरी दी। डिजिटल तकनीक आधारित ये योजनाएं 60 लाख से अधिक लोगों को लाभ देंगी।

विश्व बैंक ने बुधवार (26 नवंबर 2025) को भारत में दो महत्वपूर्ण परियोजनाओं के लिए वित्तीय सहायता को मंजूरी दी, जिनसे पंजाब और महाराष्ट्र में 60 लाख से अधिक लोगों को लाभ होगा। ये परियोजनाएं शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार और छोटे तथा सीमांत किसानों की आय बढ़ाने में मदद करेंगी।

पहली परियोजना "पंजाब आउटकम्स-एक्सेलरेशन इन स्कूल एजुकेशन ऑपरेशन (POISE)" है, जिसके लिए 286 मिलियन डॉलर की मंजूरी दी गई है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य पंजाब में शिक्षा की गुणवत्ता को बेहतर बनाना और तकनीक की मदद से सीखने के परिणामों को ट्रैक करना है। इस परियोजना के तहत 13 लाख प्राथमिक छात्र और 22 लाख से अधिक माध्यमिक छात्र बेहतर शिक्षा से लाभान्वित होंगे। इसके अलावा, 59 लाख बच्चों को प्रारंभिक बाल शिक्षा में सहयोग मिलेगा।

दूसरी परियोजना "महाराष्ट्र प्रोजेक्ट ऑन क्लाइमेट रेजिलिएंट एग्रीकल्चर (POCRA) फेज-II" है, जिसके लिए 490 मिलियन डॉलर स्वीकृत किए गए हैं। यह परियोजना जलवायु-लचीली कृषि को बढ़ावा देने के लिए सटीक कृषि तकनीक (प्रिसिजन फार्मिंग) को अपनाने पर केंद्रित है। इससे किसानों को यह सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी कि फसल और मिट्टी को उनकी आवश्यकता अनुसार पोषण और पानी मिले, जिससे उत्पादकता बढ़ेगी और बर्बादी कम होगी।

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इस परियोजना से महाराष्ट्र के 20 लाख से अधिक छोटे और सीमांत किसान लाभान्वित होंगे, जिनमें 2.9 लाख महिलाएं शामिल हैं। बेहतर मिट्टी स्वास्थ्य, पोषक तत्व प्रबंधन और जल उपयोग दक्षता से किसानों की आय में 30% तक बढ़ोतरी का अनुमान है।

विश्व बैंक इंडिया के एक्टिंग कंट्री डायरेक्टर पॉल प्रोसी ने कहा कि डिजिटल अवसंरचना स्वास्थ्य, शिक्षा और कृषि जैसे क्षेत्रों में दक्षता और नवाचार को बढ़ावा देकर आर्थिक विकास को मजबूत करेगी।

POISE परियोजना की कुल अवधि 19 वर्ष है, जिसमें 5 वर्ष की ग्रेस अवधि शामिल है। POCRA फेज-II परियोजना की कुल अवधि 24 वर्ष है, जिसमें 6 वर्ष की ग्रेस अवधि शामिल है।

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