वाल्दाई डिस्कशन क्लब में पुतिन के बयान: ट्रंप, नाटो, तेल और यूक्रेन पर रखी राय
सोची में वाल्दाई डिस्कशन क्लब में पुतिन ने ट्रंप, नाटो, तेल और यूक्रेन पर बयान दिए। उन्होंने पश्चिमी देशों को “पेपर टाइगर्स” बताया और रूस की ऊर्जा नीति पर भरोसा जताया।
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने सोची में आयोजित वाल्दाई डिस्कशन क्लब में अपने विचार रखते हुए वैश्विक राजनीति, अर्थव्यवस्था और सुरक्षा से जुड़े कई मुद्दों पर खुलकर चर्चा की। यह मंच रूस विशेषज्ञों और अंतरराष्ट्रीय विश्लेषकों के लिए जाना जाता है, जहां पुतिन के संबोधन को खास महत्व दिया जाता है।
अपने भाषण में पुतिन ने पश्चिमी देशों की नीतियों को आड़े हाथों लिया और उन्हें “पेपर टाइगर्स” करार दिया। उन्होंने कहा कि कुछ ताकतें केवल दिखावटी शक्ति का प्रदर्शन करती हैं लेकिन वास्तविकता में उनका प्रभाव सीमित है।
अमेरिका की राजनीति पर बोलते हुए पुतिन ने पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का भी उल्लेख किया और कहा कि अमेरिकी व्यवस्था इतनी जटिल है कि कोई भी राष्ट्रपति उसमें पूरी तरह स्वतंत्र होकर काम नहीं कर सकता।
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नाटो पर पुतिन ने आरोप लगाया कि यह गठबंधन रूस को घेरने और उसकी सुरक्षा को कमजोर करने की रणनीति पर काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि नाटो का विस्तार यूरोप और दुनिया की स्थिरता के लिए खतरा है।
तेल और ऊर्जा के मुद्दे पर पुतिन ने कहा कि रूस वैश्विक ऊर्जा बाजार में स्थिरता बनाए रखने के लिए जिम्मेदारी से काम कर रहा है। उन्होंने जोर देकर कहा कि रूस अपने साझेदार देशों को विश्वसनीय आपूर्ति जारी रखेगा।
यूक्रेन संकट पर पुतिन ने फिर से पश्चिमी देशों पर आरोप लगाया कि वे संघर्ष को समाप्त करने के बजाय उसे और भड़काने का काम कर रहे हैं। उनके अनुसार, रूस का लक्ष्य अपनी सुरक्षा और हितों की रक्षा करना है।
विशेषज्ञों का मानना है कि पुतिन का यह भाषण रूस की विदेश नीति की दिशा और पश्चिमी देशों के साथ उसके टकराव की गहराई को और स्पष्ट करता है।
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