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भारत में एप्पल की 30% फीस टिंडर के विकास को बाधित करेगी: मैच ग्रुप

मैच ग्रुप ने कहा कि एप्पल की 30% फीस भारत में टिंडर के विकास को बाधित करेगी। कंपनी ने CCI से एप्पल पर भारी जुर्माना लगाने की मांग की।

टिंडर की मूल कंपनी मैच ग्रुप ने भारत की प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) को दी गई अपनी प्रस्तुति में कहा है कि भारत में एप्पल द्वारा ऐप्स से लिए जाने वाले 30% तक के शुल्क से उसकी आय और विकास पर दीर्घकालिक असर पड़ेगा। कंपनी ने कहा कि अपने व्यवसाय की सुरक्षा के लिए आयोग को एप्पल पर कड़ा जुर्माना लगाना चाहिए।

सलाहकार संस्था मार्केटएनटेल के अनुसार, भारत का डेटिंग ऐप बाज़ार 2030 तक लगभग 1.42 अरब डॉलर का हो जाएगा, जिसमें टिंडर प्रमुख खिलाड़ियों में से एक है।

2022 से मैच और एप्पल के बीच प्रतिस्पर्धा आयोग में कानूनी लड़ाई चल रही है। पिछले वर्ष आयोग की जांच रिपोर्ट में कहा गया था कि एप्पल ने अपने iOS ऐप बाज़ार में “दुरुपयोगपूर्ण व्यवहार” किया है।

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एप्पल ने इन आरोपों से इनकार किया है और कहा है कि भारत में उसका हिस्सा छोटा है क्योंकि अधिकतर स्मार्टफोन एंड्रॉयड सिस्टम पर चलते हैं। कंपनी ने इस मामले पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी।

मैच ग्रुप ने आरोप लगाया कि एप्पल की नीतियाँ “निवेश पर रिटर्न और राजस्व प्रवाह को प्रभावित करती हैं” और दीर्घकाल में यह शुल्क कंपनी के विकास को रोक देगा।

रिपोर्ट के अनुसार, एप्पल भारत में किसी तीसरे पक्ष को इन-ऐप भुगतान सेवाएं देने की अनुमति नहीं देता, जिससे उसे 30% तक कमीशन मिलता है। मैच ने यह भी कहा कि एप्पल टिंडर और उबर जैसे ऐप्स के बीच भेदभाव करता है — उबर को भौतिक सेवा के रूप में कम शुल्क देना पड़ता है, जबकि टिंडर को डिजिटल सेवा मानकर अधिक शुल्क वसूला जाता है।

CCI के पास एप्पल पर उसके वैश्विक टर्नओवर का 10% तक जुर्माना लगाने की शक्ति है, जो कंपनी के लिए एक “सख्त निवारक” साबित हो सकता है।

 

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