×
 

जापान में लॉन्च हुआ दुनिया का पहला येन-आधारित स्टेबलकॉइन, डिजिटल मुद्रा की दिशा में ऐतिहासिक कदम

जापान ने दुनिया का पहला येन-आधारित स्टेबलकॉइन लॉन्च किया, जो सरकारी बांड से समर्थित है। यह ब्लॉकचेन तकनीक को मुख्यधारा में लाने की दिशा में बड़ा कदम माना जा रहा है।

जापान सोमवार को दुनिया का पहला येन से जुड़ा स्टेबलकॉइन लॉन्च करने जा रहा है, जो देश की वित्तीय प्रणाली में डिजिटल भुगतान को नई दिशा देगा। यह कदम ऐसे समय में उठाया गया है जब जापान में नकद और क्रेडिट कार्ड भुगतान का बोलबाला है।

जापानी स्टार्टअप JPYC ने घोषणा की है कि वह ऐसे स्टेबलकॉइन जारी करेगा जो पूरी तरह येन में बदले जा सकेंगे और जापानी सरकारी बांड (JGB) व घरेलू बचत से समर्थित होंगे। यह पहल अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के डिजिटल वित्तीय क्षेत्र को दिए गए समर्थन के बाद आई है, जिससे ब्लॉकचेन तकनीक के प्रति वैश्विक रुचि फिर से बढ़ी है। चीन भी युआन-आधारित स्टेबलकॉइन की अनुमति देने पर विचार कर रहा है, जिससे डिजिटल मुद्रा की गति वैश्विक स्तर पर तेज हो रही है।

रिपोर्ट्स के मुताबिक, जापान के तीन प्रमुख बैंक भी संयुक्त रूप से स्टेबलकॉइन लॉन्च करने की तैयारी में हैं, जो देश की नकद-प्रधान अर्थव्यवस्था में डिजिटल परिवर्तन को गति देंगे।

और पढ़ें: WazirX 24 अक्टूबर से फिर से शुरू, क्रिप्टो ट्रेडिंग और निकासी भी होंगे सक्रिय

वर्तमान में अमेरिकी डॉलर-समर्थित स्टेबलकॉइन वैश्विक बाजार में 99% हिस्सेदारी रखते हैं। जापान ने 2023 में स्टेबलकॉइन जारी करने की अनुमति दी थी, जबकि दक्षिण कोरिया भी वोन-आधारित स्टेबलकॉइन की योजना बना रहा है।

जापान के केंद्रीय बैंक के उप-गवर्नर रयोज़ो हिमिनो ने कहा, “स्टेबलकॉइन भविष्य में बैंक जमा की भूमिका को आंशिक रूप से बदल सकते हैं,” और नियामकों से नई वित्तीय वास्तविकताओं को स्वीकारने का आग्रह किया।

सरकारी आंकड़ों के अनुसार, जापान में कैशलेस भुगतान 2010 में 13.2% से बढ़कर 2024 में 42.8% तक पहुंच गया है। विशेषज्ञों का मानना है कि येन-आधारित स्टेबलकॉइन को व्यापक रूप से अपनाए जाने में अभी दो से तीन वर्ष लग सकते हैं।

 

और पढ़ें: सिंगापुर हाई कोर्ट ने वज़ीरएक्स पुनर्गठन योजना को मंज़ूरी दी, भारतीय निवेशकों को मिली राहत

 
 
 
Gallery Gallery Videos Videos Share on WhatsApp Share