एनवीडिया की चीन को H200 एआई चिप की सप्लाई फरवरी मध्य तक शुरू करने की योजना
एनवीडिया फरवरी मध्य तक चीन को H200 एआई चिप की सप्लाई शुरू करने की योजना बना रही है, हालांकि यह पूरी तरह चीनी सरकार की मंजूरी पर निर्भर करेगा।
अमेरिकी चिप निर्माता एनवीडिया (Nvidia) ने अपने चीनी ग्राहकों को बताया है कि वह फरवरी के मध्य में पड़ने वाले लूनर न्यू ईयर से पहले चीन को अपनी दूसरी सबसे शक्तिशाली आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) चिप H200 की सप्लाई शुरू करने का लक्ष्य रखता है। इस मामले से जुड़े तीन सूत्रों ने रॉयटर्स को यह जानकारी दी है।
सूत्रों के अनुसार, कंपनी शुरुआती ऑर्डर को अपने मौजूदा स्टॉक से पूरा करने की योजना बना रही है। अनुमान है कि शुरुआती चरण में 5,000 से 10,000 चिप मॉडल भेजे जाएंगे, जो कुल मिलाकर करीब 40,000 से 80,000 H200 एआई चिप्स के बराबर होंगे। इसके अलावा, एनवीडिया ने अपने चीनी ग्राहकों को यह भी बताया है कि वह इन चिप्स के लिए नई उत्पादन क्षमता जोड़ने की योजना बना रही है, जिसके लिए ऑर्डर 2026 की दूसरी तिमाही में खोले जाएंगे।
हालांकि, अभी भी काफी अनिश्चितता बनी हुई है क्योंकि चीन सरकार ने अब तक H200 चिप की खरीद को मंजूरी नहीं दी है। सूत्रों का कहना है कि यह पूरी योजना सरकारी स्वीकृति पर निर्भर है और आधिकारिक अनुमति मिलने से पहले कुछ भी तय नहीं है।
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एनवीडिया ने रॉयटर्स को दिए बयान में कहा कि वह अपनी सप्लाई चेन का लगातार प्रबंधन करती रहती है और चीन में अधिकृत ग्राहकों को H200 की लाइसेंस प्राप्त बिक्री से अमेरिका में ग्राहकों को आपूर्ति पर कोई असर नहीं पड़ेगा। चीन के उद्योग और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने इस पर तत्काल कोई टिप्पणी नहीं की।
यदि ये शिपमेंट शुरू होती है, तो यह अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के उस फैसले के बाद पहली बार होगा, जिसमें उन्होंने 25% शुल्क के साथ चीन को H200 चिप बेचने की अनुमति दी थी। यह कदम बाइडेन प्रशासन की उस नीति से बड़ा बदलाव है, जिसमें राष्ट्रीय सुरक्षा चिंताओं के चलते उन्नत एआई चिप्स की बिक्री पर रोक लगा दी गई थी।
H200 चिप, एनवीडिया की हॉपर सीरीज का हिस्सा है और भले ही इसे नई ब्लैकवेल चिप्स ने तकनीकी रूप से पीछे छोड़ दिया हो, लेकिन यह अभी भी एआई सेक्टर में व्यापक रूप से इस्तेमाल की जा रही है। चीन की स्थानीय कंपनियां अब तक इसके बराबर प्रदर्शन वाली चिप नहीं बना पाई है। अलीबाबा और बाइटडांस जैसी बड़ी चीनी टेक कंपनियों के लिए यह चिप H20 की तुलना में करीब छह गुना ज्यादा शक्तिशाली प्रोसेसर तक पहुंच प्रदान करेगी।
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