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IIMA प्रोफेसर को सर्वश्रेष्ठ डॉक्यूमेंट्री के लिए राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार

IIMA प्रोफेसर को बतौर निर्माता डॉक्यूमेंट्री “गॉड, वल्चर एंड ह्यूमन” के लिए राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार मिला। यह फिल्म भारत में अंगदान और प्रत्यारोपण समन्वयकों की भावनात्मक चुनौतियों को दर्शाती है।

भारतीय प्रबंधन संस्थान, अहमदाबाद (IIMA) के प्रोफेसर को बतौर निर्माता उनकी डॉक्यूमेंट्री फिल्म गॉड, वल्चर एंड ह्यूमन” के लिए सर्वश्रेष्ठ डॉक्यूमेंट्री का राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार प्रदान किया गया है। यह फिल्म भारत में अंगदान और प्रत्यारोपण की जटिल प्रक्रिया को दर्शाती है और अंग प्रत्यारोपण समन्वयकों (Organ Transplant Coordinators - OTCs) की महत्वपूर्ण भूमिका को सम्मानित करती है।

फिल्म का उद्देश्य उन भावनात्मक और नैतिक चुनौतियों को सामने लाना है, जिनका सामना समन्वयकों को अंगदान प्रक्रिया के दौरान करना पड़ता है। प्रोफेसर का कहना है कि यह पुरस्कार न केवल उनकी टीम के प्रयासों का सम्मान है बल्कि समाज में अंगदान को लेकर जागरूकता फैलाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम भी है।

निर्माता ने बताया कि डॉक्यूमेंट्री में दिखाया गया है कि कैसे अंग प्रत्यारोपण समन्वयक मृतक के परिजनों से बातचीत कर उन्हें अंगदान के लिए तैयार करते हैं, जिससे कई जिंदगियां बचाई जा सकती हैं। फिल्म में चिकित्सा विशेषज्ञों, अंग प्राप्त करने वाले मरीजों और उनके परिवारों के अनुभवों को भी शामिल किया गया है।

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यह उपलब्धि IIMA के लिए भी गर्व का विषय है क्योंकि यह दर्शाती है कि प्रबंधन संस्थान से जुड़े लोग न केवल शिक्षा और शोध में बल्कि सामाजिक मुद्दों पर जागरूकता लाने में भी अहम भूमिका निभा सकते हैं।

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