स्पेशल इंटेंसिव रिविज़न (SIR): क्यों ज़रूरी है, कैसे होता है और आपके लिए क्या महत्वपूर्ण
ECI का SIR अभियान मतदाता सूची के बड़े पैमाने पर सत्यापन के लिए शुरू किया गया है। इसके अलावा एक साथ चुनाव विधेयकों पर विधि आयोग की राय भी सुर्खियों में है।
स्पेशल इंटेंसिव रिविज़न (SIR) एक व्यापक सत्यापन अभियान है, जिसे चुनाव आयोग तब लागू करता है जब उसे लगता है कि वार्षिक “समरी रिविज़न” मतदाता सूची को शुद्ध करने के लिए पर्याप्त नहीं है। इस प्रक्रिया में घर-घर जाकर सत्यापन, प्री-फिल्ड फॉर्म, ऑनलाइन सबमिशन और पुराने मतदाता डेटा की नई जाँच शामिल होती है। इसका उद्देश्य मतदाता सूची से त्रुटियों को हटाना और वास्तविक पात्र मतदाताओं को सूची में सुनिश्चित करना है।
ECI के अनुसार SIR की आवश्यकता अब इसलिए पड़ी है क्योंकि कई क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर गलत प्रविष्टियाँ, डुप्लीकेट नाम और संदिग्ध हटाने या जोड़ने की शिकायतें सामने आई हैं। ऐसे मामलों में व्यापक जाँच और सत्यापन जरूरी हो जाता है, ताकि किसी भी मतदाता का अधिकार न छीना जाए और चुनाव प्रक्रिया में पारदर्शिता बनी रहे।
दूसरी ओर, 23वें विधि आयोग ने संकेत दिया है कि एक साथ लोकसभा और विधानसभा चुनाव कराने से जुड़े विधेयक संविधान की मूल संरचना—विशेषकर संघवाद और मतदाता अधिकार—का उल्लंघन नहीं करते। आयोग का मानना है कि इन विधेयकों के लिए राज्यों की मंजूरी की ज़रूरत नहीं क्योंकि इनमें अनुच्छेद 368(2) के तहत आने वाले उन विषयों में कोई बदलाव प्रस्तावित नहीं है, जिन्हें राज्य की सहमति आवश्यक होती है।
और पढ़ें: न्यायपालिका निष्पक्ष और निर्भीक, केवल संविधान का पालन करती है: पूर्व CJI गवई
और पढ़ें: नोएडा में 11 दिसंबर को खुलेगी एप्पल की पांचवीं रिटेल स्टोर