बांग्लादेश में विरोध-प्रदर्शन तेज, ढाका ने भारतीय उच्चायुक्त को किया तलब
बांग्लादेश में हिंसक प्रदर्शनों के बीच ढाका ने भारतीय उच्चायुक्त को तलब किया, वीज़ा सेवाएं निलंबित रहीं और अंतरिम सरकार पर कानून-व्यवस्था विफल होने के आरोप लगे।
बांग्लादेश में जारी विरोध-प्रदर्शनों और हिंसा के बीच भारत-बांग्लादेश कूटनीतिक संबंधों में तनाव देखने को मिला है। बांग्लादेश सरकार ने “अपरिहार्य परिस्थितियों” का हवाला देते हुए नई दिल्ली स्थित बांग्लादेश उच्चायोग में कांसुलर और वीज़ा सेवाओं को अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया है। इसके बाद ढाका में विदेश मंत्रालय ने भारतीय उच्चायुक्त प्रणय वर्मा को तलब किया और उनसे भारत में स्थित बांग्लादेशी मिशनों में अधिकारियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने को कहा।
इस बीच, सुरक्षा चिंताओं के चलते चटगांव (चट्टोग्राम) में भारतीय सहायक उच्चायोग के प्रवेश द्वार पर पिछले सप्ताह हुई भीड़ की हिंसक घटना के बाद वहां वीज़ा सेवाएं अस्थायी रूप से निलंबित बनी हुई हैं। हालात पर नजर रखते हुए बांग्लादेश के मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस ने भारत में अमेरिकी राजदूत सर्जियो गोर से कहा कि देश में निर्धारित समय पर, यानी 12 फरवरी को, चुनाव कराए जाएंगे।
उधर, देश के विभिन्न हिस्सों में हिंसा की घटनाएं सामने आ रही हैं। खुलना में नेशनल सिटिज़न्स पार्टी (एनसीपी) के श्रमिक संगठन के केंद्रीय नेता मोहम्मद मोतालेब सिकदर को गोली मार दी गई। इससे पहले 12 दिसंबर को युवा नेता शरीफ उस्मान हादी की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी, जिसके बाद पूरे देश में व्यापक विरोध-प्रदर्शन शुरू हो गए।
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पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार पर कानून-व्यवस्था बनाए रखने में विफल रहने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि हादी की हत्या अराजकता को दर्शाती है, जो उनकी सरकार के पतन के बाद और बढ़ गई है।
ढाका में प्रदर्शन के दौरान प्रमुख अखबार ‘प्रथम आलो’ और ‘द डेली स्टार’ के दफ्तरों में आगजनी की घटनाएं सामने आईं। इसके अलावा, शेख हसीना सरकार के एक पूर्व मंत्री के घर और चटगांव में भारत के सहायक उच्चायुक्त के आवास पर भी हमले हुए। हादी की मौत के बाद बांग्लादेश में राजकीय शोक भी मनाया जा रहा है।
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