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बीजिंग ने प्रमुख अंडरग्राउंड पादरी को हिरासत में लिया, अमेरिका-चीन संबंधों में जटिलता बढ़ी

बीजिंग ने प्रमुख अंडरग्राउंड पादरी लुई यांग को हिरासत में लिया, जिससे धार्मिक स्वतंत्रता और मानवाधिकार पर चिंता बढ़ी और अमेरिका-चीन संबंधों में जटिलता उत्पन्न हुई।

चीन की राजधानी बीजिंग में एक प्रमुख अंडरग्राउंड पादरी को हिरासत में लेने की खबर सामने आई है, जिससे अमेरिका-चीन संबंधों में नई जटिलताएं उत्पन्न हुई हैं। यह कदम धार्मिक स्वतंत्रता और मानवाधिकारों को लेकर अमेरिका की चिंताओं को और बढ़ा सकता है।

सूत्रों के अनुसार, हिरासत में लिए गए पादरी की पहचान लुई यांग के रूप में की गई है। यांग लंबे समय से चीन की सरकारी नियंत्रण वाली चर्च प्रणाली के बाहर कार्यरत थे और उन्होंने गोपनीय रूप से धार्मिक सभाओं का नेतृत्व किया। चीन सरकार ने इस गिरफ्तारी को देश की सुरक्षा और कानूनी प्रक्रियाओं के तहत उचित बताया है, जबकि मानवाधिकार समूह इसे धार्मिक उत्पीड़न के रूप में देख रहे हैं।

अमेरिकी विदेश विभाग ने इस कदम पर गंभीर चिंता जताई है और चीन से तुरंत यांग की सुरक्षा और रिहाई सुनिश्चित करने का अनुरोध किया है। विश्लेषकों का मानना है कि यह घटना अमेरिका-चीन के राजनीतिक और कूटनीतिक संबंधों पर दबाव डाल सकती है, क्योंकि दोनों देशों के बीच पहले से ही व्यापार, ताइवान और मानवाधिकारों को लेकर तनाव है।

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धार्मिक स्वतंत्रता विशेषज्ञों का कहना है कि चीन में अंडरग्राउंड चर्चों की गतिविधियाँ लगातार सरकार की निगरानी में हैं और ऐसे मामलों से धार्मिक समुदाय में भय और असंतोष बढ़ता है।

इस गिरफ्तारी ने अमेरिका और अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए यह संदेश भी स्पष्ट किया कि चीन में धार्मिक गतिविधियों पर सरकारी नियंत्रण अभी भी कड़ा है, और इसके राजनीतिक परिणाम अमेरिका के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकते हैं।

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