इमरान बनाम मुनीर: 2019 में शुरू हुई दुश्मनी कैसे बनी पाकिस्तान की सत्ता संग्राम का केंद्र
इमरान खान और आसिम मुनीर की 2019 में शुरू हुई तनातनी सत्ता संघर्ष में बदल गई है। जेल में होने के बावजूद खान की लोकप्रियता बरकरार है, जबकि स्वास्थ्य और सुरक्षा को लेकर आशंकाएं जारी हैं।
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान और मौजूदा चीफ़ ऑफ़ डिफेंस फ़ोर्सेज़ (CDF) जनरल आसिम मुनीर के बीच चली आ रही तनातनी 2019 में शुरू हुई थी। आज इमरान खान जेल में हैं, उनकी पार्टी का चुनाव चिन्ह बैन है और भाषणों पर रोक लगी है, इसके बावजूद वह पाकिस्तान में सबसे लोकप्रिय नेता बने हुए हैं।
2019 में इमरान खान की सरकार के दौरान मुनीर को आईएसआई प्रमुख बनाया गया था। लेकिन सिर्फ आठ महीने बाद उन्हें हटा दिया गया। बताया जाता है कि मुनीर ने इमरान की पत्नी बुशरा बीबी और उनके करीबियों पर भ्रष्टाचार की जांच में रुचि दिखाई थी, जो खान को पसंद नहीं आया। बिना किसी आधिकारिक कारण बताए, सेना ने मुनीर को पद से हटा दिया।
2022 में इमरान खान अविश्वास प्रस्ताव के जरिए सत्ता से बाहर हो गए — पाकिस्तान के इतिहास में यह पहली ऐसी घटना थी। 2023 में वह कई मामलों में सजा के बाद जेल पहुंच गए। उनका परिवार दावा करता है कि उन्हें महीनों से मिलने नहीं दिया गया। हालांकि जेल प्रशासन ने उनकी खराब सेहत की खबरों को गलत बताया।
इमरान खान ने पिछले वर्ष एक लेख में सेना प्रमुख मुनीर पर आरोप लगाया कि वे उनकी राजनीति खत्म करने के लिए हर तरीका अपना रहे हैं। उन्होंने लिखा कि अगर उन्हें या उनकी पत्नी को कुछ हुआ, तो इसकी जिम्मेदारी मुनीर पर होगी।
एकांत कारावास में 800 से अधिक दिन बिताने के बावजूद खान की लोकप्रियता बरकरार है। खासकर उनके पश्तून समुदाय का समर्थन सेना के लिए चुनौती माना जा रहा है, जो लंबे समय से मानवाधिकार उल्लंघनों का आरोप लगाता रहा है। इस बीच उनकी पत्नी बुशरा बीबी भी कथित अवैध विवाह और भ्रष्टाचार के आरोपों में सात साल की जेल में हैं।
इमरान खान के स्वास्थ्य और स्थिति को लेकर अफवाहें रुक नहीं रही हैं, जबकि उनके समर्थक लगातार उन तक पहुँच की मांग कर रहे हैं।