इज़रायल दो साल बाद भी 7 अक्टूबर हमले की याद में विभाजित, गाज़ा युद्ध और बंधकों की स्थिति जारी
इज़रायल 7 अक्टूबर हमले की दूसरी वर्षगांठ मना रहा है। गाज़ा युद्ध जारी है, बंधक सुरक्षित नहीं लौटे, और पीएम नेतन्याहू के खिलाफ साप्ताहिक विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं।
इज़रायल में 7 अक्टूबर 2023 को हुए हमास के हमले की दूसरी वर्षगांठ पर देश गहरे विभाजन और तनाव का सामना कर रहा है। उस हमले ने गाज़ा युद्ध को जन्म दिया, जो अब तक जारी है, और बंधकों की सुरक्षित वापसी का कोई ठोस समाधान नहीं निकल सका।
देश भर में हाल के वर्षों में बंधकों की वापसी में विफलता ने जनता में निराशा और असंतोष पैदा किया है। कई नागरिक weekly बड़े पैमाने पर प्रधानमंत्री बेन्यामिन नेतन्याहू के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। ये प्रदर्शन देश में राजनीतिक विभाजन और नेतृत्व पर असंतोष को उजागर करते हैं।
विश्लेषकों के अनुसार, गाज़ा युद्ध और बंधकों की स्थिति ने इज़रायल की समाजिक और राजनीतिक धारा को गहराई से प्रभावित किया है। सरकार की नीतियों और युद्ध संचालन के तरीके पर जनता की नाराजगी बढ़ती जा रही है। युवा और बुजुर्ग दोनों वर्ग प्रदर्शन में शामिल हो रहे हैं, जो नेतन्याहू प्रशासन पर दबाव बनाने की कोशिश कर रहे हैं।
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बंधकों की वापसी के मुद्दे ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी चिंता पैदा की है। कई देशों और अंतरराष्ट्रीय संगठनों ने इज़रायल और हमास से कहा है कि बंधकों की सुरक्षा और उनकी मुक्तिपूर्ति प्राथमिकता होनी चाहिए।
देश के अंदर विभाजन, युद्ध की कठिनाई और नागरिक असंतोष ने इज़रायल की राजनीतिक और सामाजिक स्थिरता को चुनौती दी है। आगामी महीनों में सरकार की प्रतिक्रिया और बंधकों की स्थिति की प्रगति देश की राजनीति और सुरक्षा पर महत्वपूर्ण प्रभाव डाल सकती है।
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