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माली और बुर्किना फासो ने अमेरिकी नागरिकों पर लगाया यात्रा प्रतिबंध, अमेरिका के फैसले के जवाब में कार्रवाई

माली और बुर्किना फासो ने अमेरिका के यात्रा प्रतिबंध के जवाब में अमेरिकी नागरिकों के प्रवेश पर रोक लगा दी। यह फैसला दोनों देशों और अमेरिका के बीच बढ़ते तनाव को दर्शाता है।

पश्चिमी अफ्रीकी देश माली और बुर्किना फासो ने अमेरिका के खिलाफ जवाबी कदम उठाते हुए अमेरिकी नागरिकों के अपने-अपने देशों में प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा की है। यह फैसला अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा माली और बुर्किना फासो के नागरिकों के अमेरिका में प्रवेश पर रोक लगाने के बाद लिया गया है। दोनों देशों ने मंगलवार देर रात (30 दिसंबर 2025) इस संबंध में अलग-अलग आधिकारिक बयान जारी किए।

माली और बुर्किना फासो के विदेश मंत्रियों द्वारा जारी इन बयानों को अमेरिका और पश्चिम अफ्रीका की सैन्य सरकारों के बीच पहले से तनावपूर्ण रिश्तों में एक और मोड़ के रूप में देखा जा रहा है। इससे पहले 16 दिसंबर को राष्ट्रपति ट्रंप ने यात्रा प्रतिबंधों के दायरे को बढ़ाते हुए 20 और देशों को सूची में शामिल किया था, जिनमें माली, बुर्किना फासो और नाइजर भी शामिल हैं। ये तीनों देश सैन्य शासन के तहत हैं और इन्होंने पश्चिम अफ्रीकी क्षेत्रीय संगठन इकॉनॉमिक कम्युनिटी ऑफ वेस्ट अफ्रीकन स्टेट्स (ECOWAS) से अलग होकर एक नया गठबंधन बनाया है।

माली के विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में कहा कि पारस्परिकता के सिद्धांत के तहत अब अमेरिकी नागरिकों पर भी वही शर्तें और प्रतिबंध लागू किए जाएंगे, जो अमेरिका ने माली के नागरिकों पर लगाए हैं। बयान में कहा गया कि यह निर्णय तत्काल प्रभाव से लागू होगा।

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इसी तरह, बुर्किना फासो के विदेश मंत्री करामोको जीन-मैरी त्राओरे द्वारा हस्ताक्षरित बयान में भी अमेरिकी नागरिकों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने के लिए समान कारणों का हवाला दिया गया।

व्हाइट हाउस ने अपने फैसले का बचाव करते हुए कहा था कि माली और बुर्किना फासो में सशस्त्र समूहों द्वारा लगातार किए जा रहे हमले यात्रा प्रतिबंध के प्रमुख कारणों में से एक हैं। दोनों देशों में सक्रिय उग्रवादी संगठनों को नियंत्रित करने में सरकारों को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। असुरक्षा के इसी माहौल के चलते वहां की सैन्य सरकारों ने पूर्व में निर्वाचित नागरिक सरकारों को अपदस्थ किया था और अब वे सशस्त्र समूहों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का दावा कर रही हैं।

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