मोरक्को में युवाओं का गुस्सा फूटा, सरकार की नीतियों पर भारी विरोध प्रदर्शन
मोरक्को में हजारों युवाओं ने स्वास्थ्य व शिक्षा की उपेक्षा कर स्टेडियम निर्माण पर खर्च का विरोध किया। सोशल मीडिया से संगठित प्रदर्शनों में सरकार की प्राथमिकताओं और पूरे सिस्टम पर सवाल उठे।
मोरक्को में इस सप्ताहांत देश के हालिया इतिहास के सबसे बड़े विरोध प्रदर्शनों में से एक देखने को मिला, जब हजारों युवाओं ने सरकार की नीतियों और प्राथमिकताओं के खिलाफ सड़कों पर उतरकर गुस्सा जाहिर किया।
कम से कम 11 शहरों में युवाओं ने भ्रष्टाचार के खिलाफ नारे लगाए और सरकार पर स्वास्थ्य व शिक्षा की अनदेखी कर अंतरराष्ट्रीय खेल आयोजनों में धन लगाने का आरोप लगाया। प्रदर्शनकारियों ने सीधे तौर पर स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली को 2030 फीफा विश्व कप की तैयारियों से जोड़ा। नारे गूंजे – “स्टेडियम तो बन रहे हैं, पर अस्पताल कहां हैं?”
सरकार फिलहाल तीन नए स्टेडियम बना रही है और कई पुराने स्टेडियमों का विस्तार कर रही है। इसी साल मोरक्को अफ्रीका कप ऑफ नेशंस की भी मेजबानी करेगा। इस बीच राजधानी रबात, कासाब्लांका और माराकेच सहित कई शहरों में पुलिस ने प्रदर्शन रोके और गिरफ्तारियां कीं।
पिछले साल भूकंप से तबाह इलाकों और हाल ही में अगादिर के सरकारी अस्पताल में आठ महिलाओं की प्रसूति के दौरान मौत ने जनाक्रोश को और भड़का दिया। मोरक्को मानवाधिकार संघ ने दावा किया कि दर्जनों लोगों को हिरासत में लिया गया और कुछ पर शारीरिक हमला भी हुआ।
इन प्रदर्शनों की खासियत यह रही कि यह बिना किसी राजनीतिक दल या यूनियन के नेतृत्व के हुए। “Gen Z 212” और “Morocco Youth Voices” जैसे समूहों ने सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर विरोध की अपील की। युवाओं ने साफ कहा कि वे सिर्फ स्वास्थ्य और शिक्षा सुधार नहीं, बल्कि पूरे सिस्टम में बदलाव चाहते हैं।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, मोरक्को में 10,000 लोगों पर केवल 7.7 स्वास्थ्यकर्मी उपलब्ध हैं, जबकि मानक 25 होना चाहिए। अगादिर में यह आंकड़ा और भी कम, 4.4 है।
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