संसद में वंदे मातरम् बहस पर राहुल गांधी का चार शब्दों का जवाब
राहुल गांधी ने संसद में वंदे मातरम् बहस पर “प्रियंका का भाषण सुनो” कहते हुए संक्षिप्त प्रतिक्रिया दी। पीएम मोदी ने गीत की ऐतिहासिक भूमिका पर जोर दिया और कांग्रेस पर आरोप लगाए।
संसद में राष्ट्रीय गीत ‘वंदे मातरम्’ के 150 वर्ष पूरे होने पर शुरू हुई विशेष बहस के बीच कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मात्र चार शब्दों में अपना जवाब दिया— “प्रियंका का भाषण सुनो।” उनका यह संक्षिप्त बयान सोशल मीडिया पर तेजी से चर्चा का विषय बन गया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में इस बहस की शुरुआत की। इससे पहले, नवंबर में पीएम ने कांग्रेस पर आरोप लगाया था कि 1937 के फैज़ाबाद अधिवेशन में पार्टी ने ‘वंदे मातरम्’ के महत्वपूर्ण अंतरों को छोड़कर गीत “काट दिया”, जिससे “विभाजन के बीज बोए गए।”
कांग्रेस ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा था कि यह निर्णय रवींद्रनाथ टैगोर की सलाह पर लिया गया था और इसका उद्देश्य विभिन्न समुदायों की भावनाओं का सम्मान करना था। पार्टी ने बीजेपी से माफी की मांग की थी, यह कहते हुए कि 1937 की कांग्रेस वर्किंग कमेटी और रवींद्रनाथ टैगोर का “अपमान” किया गया है।
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विवाद तब और बढ़ गया जब शीतकालीन सत्र से ठीक पहले राज्यसभा सचिवालय ने MPs को निर्देश दिया कि सदन में ‘वंदे मातरम्’ और ‘जय हिंद’ जैसे नारे लगाने से बचें, जिससे विपक्ष ने NDA पर स्वतंत्रता और एकता के प्रतीकों से असहज होने का आरोप लगाया।
लोकसभा में अपने संबोधन में पीएम मोदी ने वंदे मातरम् की भारत के स्वतंत्रता संग्राम में भूमिका और उसकी ऐतिहासिक विरासत पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि यह गीत “औपनिवेशिक मानसिकता को मिटाने का एक पवित्र रणघोष” था।
उन्होंने कांग्रेस पर हमला करते हुए कहा, “जब वंदे मातरम् ने 100 वर्ष पूरे किए, तब देश आपातकाल की जंजीरों में कैद था और संविधान का गला घोंटा जा रहा था। अब हमारे पास इसकी महानता को पुनर्स्थापित करने का अवसर है।”
इस 10 घंटे की बहस में NDA को 3 घंटे मिले हैं। विपक्ष की ओर से डिप्टी लीडर ऑफ ऑपोज़िशन गौरव गोगोई और प्रियंका गांधी वाड्रा जवाब दे रहे हैं।
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