ताइवान में चीन समर्थक सांसदों को हटाने पर मतदान, चुनाव पर दुनियाभर की नजर
ताइवान में जनता यह तय करने के लिए मतदान कर रही है कि क्या चीन समर्थक सांसदों को पद से हटाया जाए। यह मतदान राजनीतिक संतुलन को प्रभावित कर सकता है।
ताइवान में एक महत्वपूर्ण जनमत संग्रह के तहत मतदान हो रहा है, जिसमें यह फैसला लिया जाएगा कि चीन समर्थक विपक्षी पार्टी के कुछ सांसदों को पद से हटाया जाए या नहीं। यह चुनाव ताइवान की राजनीति और चीन के साथ उसके संबंधों के लिहाज़ से बेहद अहम माना जा रहा है।
चुनाव में जिन सांसदों के खिलाफ मतदान हो रहा है, वे नेशनलिस्ट पार्टी (Kuomintang/KMT) से हैं, जो चीन के साथ करीबी संबंधों की हिमायती मानी जाती है। वहीं, सत्तारूढ़ डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी (DPP), जो ताइवान की स्वतंत्रता की पक्षधर है, ने पिछले साल हुए राष्ट्रपति चुनाव में जीत हासिल की थी।
हालांकि, संसद में डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला है। नेशनलिस्ट पार्टी और छोटी पार्टी ताइवान पीपल्स पार्टी (TPP) के पास मिलकर बहुमत है, जिससे उन्होंने एक शक्तिशाली विपक्षी गठबंधन बना लिया है।
यदि यह जनमत संग्रह सफल रहता है और विपक्षी सांसदों को हटा दिया जाता है, तो ताइवान की संसद में सत्ता संतुलन बदल सकता है। इससे राष्ट्रपति और सत्तारूढ़ पार्टी को अपनी नीतियां लागू करने में अपेक्षाकृत अधिक स्वतंत्रता मिल सकती है।
इस चुनाव पर न केवल ताइवान की जनता बल्कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय, विशेषकर अमेरिका और चीन की भी करीबी नजर है, क्योंकि इसका सीधा असर ताइवान-चीन संबंधों और क्षेत्रीय स्थिरता पर पड़ सकता है।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह मतदान ताइवान की लोकतांत्रिक प्रक्रिया और उसकी भविष्य की विदेश नीति दिशा दोनों को आकार देगा।
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