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अमेरिका ने विदेशी कामगारों के वर्क परमिट का स्वत: विस्तार समाप्त किया, भारतीयों पर बड़ा असर

अमेरिका ने विदेशी नागरिकों के वर्क परमिट के स्वत: विस्तार की सुविधा समाप्त कर दी, जिससे हजारों भारतीय कामगार और प्रवासी प्रभावित होंगे। अब उन्हें हर बार नया आवेदन करना होगा।

अमेरिकी सरकार ने विदेशी नागरिकों के वर्क परमिट (Employment Authorisation Document - EAD) के स्वत: विस्तार की सुविधा समाप्त कर दी है। इस फैसले से हजारों भारतीय प्रवासी और एच-1बी वीजाधारक प्रभावित होंगे।

अमेरिका के गृह सुरक्षा विभाग (Department of Homeland Security - DHS) ने बुधवार (29 अक्टूबर 2025) को यह घोषणा की। यह कदम आव्रजन नियंत्रण के तहत उठाया गया है, जिसका उद्देश्य विदेशी नागरिकों की “उचित जांच और सत्यापन” सुनिश्चित करना बताया गया है।

नए नियमों के अनुसार, जो विदेशी नागरिक 30 अक्टूबर 2025 या उसके बाद अपने EAD के नवीनीकरण के लिए आवेदन करेंगे, उन्हें अब स्वत: विस्तार नहीं मिलेगा। पहले यह अवधि 540 दिनों तक बढ़ जाती थी।

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यूएससीआईएस निदेशक जोसेफ एडलो ने कहा, “संयुक्त राज्य में काम करना एक विशेषाधिकार है, अधिकार नहीं। यह कदम यह सुनिश्चित करेगा कि प्रत्येक आवेदक की पूरी जांच के बाद ही परमिट का विस्तार किया जाए।”

इस निर्णय से प्रभावित होने वाले लोगों में शामिल हैं —

  • कुछ एच-1बी वीजा धारकों के पति/पत्नी,
  • एल वीजा धारकों के पति/पत्नी,
  • वीजा धारकों के पति/पत्नी,
  • तथा शरणार्थी (Refugee) और आश्रयार्थी (Asylee) स्थिति वाले विदेशी नागरिक।

DHS ने सलाह दी है कि विदेशी नागरिक अपने EAD की अवधि समाप्त होने से 180 दिन पहले नवीनीकरण आवेदन कर दें ताकि रोजगार में व्यवधान न हो।

यह फैसला ऐसे समय में आया है जब राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एच-1बी वीजा शुल्क को 1 लाख डॉलर वार्षिक कर दिया है।
अमेरिका में लगभग 48 लाख भारतीय मूल के नागरिक रहते हैं, जिनमें से 66% प्रवासी हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि यह कदम भारतीय पेशेवरों के लिए रोजगार प्रक्रिया को और कठिन बना देगा।

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