अमेरिकी सांसदों ने H-1B और L-1 वीज़ा प्रणाली में बदलाव का बिल पेश किया
अमेरिकी सांसदों ने H-1B और L-1 वीज़ा प्रणाली में बदलाव के लिए बिल पेश किया। STEM पेशेवरों को प्राथमिकता दी जाएगी और वेतन उल्लंघन पर सज़ा बढ़ाई जाएगी।
अमेरिका के कानून निर्माणकर्ताओं ने H-1B और L-1 वीज़ा प्रणाली में बड़े बदलाव करने के लिए एक नया बिल पेश किया है। इस प्रस्तावित विधेयक का उद्देश्य वीज़ा प्रक्रिया को अधिक संरचित बनाना और अमेरिकी श्रमिकों की प्राथमिकता सुनिश्चित करना है।
बिल के अनुसार, H-1B और L-1 वीज़ा लेने वालों में STEM (साइंस, टेक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग, मैथमेटिक्स) क्षेत्र के कामगारों को प्राथमिकता दी जाएगी। इसका मतलब है कि तकनीकी और अनुसंधान क्षेत्र के पेशेवरों को वीज़ा आवंटन में बढ़त मिलेगी। इसके साथ ही अन्य श्रेणियों के आवेदकों को अब नए नियमों के तहत आवेदन करना होगा।
अमेरिकी सांसदों ने यह भी प्रस्ताव रखा है कि वीज़ा धारकों के वेतन उल्लंघन और नियमों का पालन न करने पर कड़ी सज़ा दी जाए। इससे अमेरिकी श्रमिकों और विदेशी वीज़ा धारकों के बीच असमानता को कम करने और न्यूनतम वेतन मानकों को सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी।
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विशेषज्ञों का मानना है कि इस बिल के लागू होने से अमेरिकी कंपनियों को विदेशी प्रतिभाओं को भर्ती करने में कुछ नए नियमों का पालन करना होगा। कंपनियों को STEM पेशेवरों के चयन और वेतन संरचना में पारदर्शिता बनाए रखने की आवश्यकता होगी।
हालांकि, तकनीकी और आईटी उद्योग ने इस बिल पर चिंता जताई है। उनका कहना है कि वीज़ा प्रक्रिया में कठिनाई आने से उच्च-कौशल श्रमिकों की कमी हो सकती है और अमेरिकी उद्योग में वैश्विक प्रतिस्पर्धा पर असर पड़ सकता है।
इस बिल के बारे में कांग्रेस में आगे चर्चा होगी और पास होने के बाद ही यह कानूनी रूप से लागू होगा।
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