अमेरिकी न्यायाधीश ने दिया फैसला – ट्रंप ने पोर्टलैंड में नेशनल गार्ड की तैनाती गैरकानूनी रूप से की
अमेरिकी अदालत ने फैसला दिया कि ट्रंप ने पोर्टलैंड में नेशनल गार्ड की तैनाती गैरकानूनी रूप से की। अदालत ने इसे संविधान विरोधी और शक्ति का दुरुपयोग बताया।
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा पोर्टलैंड, ओरेगन में नेशनल गार्ड की तैनाती को एक संघीय न्यायाधीश ने गैरकानूनी करार दिया है। शुक्रवार (7 नवंबर, 2025) को अमेरिकी जिला न्यायाधीश कैरिन इम्मरगट ने यह फैसला सुनाया, जिससे अमेरिकी शहरों में सैन्य बलों के उपयोग पर ट्रंप प्रशासन को बड़ा झटका लगा है।
यह फैसला उन प्रदर्शनकारियों के खिलाफ सैन्य बल प्रयोग को स्थायी रूप से रोकता है जो प्रवासन अधिकारियों के खिलाफ विरोध कर रहे थे। न्यायाधीश इम्मरगट, जिन्हें स्वयं ट्रंप ने नियुक्त किया था, ने सरकार के उस दावे को खारिज कर दिया जिसमें कहा गया था कि प्रदर्शनकारियों ने "विद्रोह" किया था जिससे सेना भेजना उचित था।
ट्रंप प्रशासन ने पहले भी डेमोक्रेटिक नेतृत्व वाले शहरों — लॉस एंजिलिस, शिकागो और वॉशिंगटन डी.सी. — में अशांति नियंत्रित करने के लिए सैन्य बल का उपयोग करने की कोशिश की थी। अदालत का यह निर्णय अब उन योजनाओं पर भी असर डाल सकता है।
ओरेगन राज्य और पोर्टलैंड नगर प्रशासन ने सितंबर में ट्रंप प्रशासन के खिलाफ मुकदमा दायर किया था। उनका आरोप था कि प्रशासन ने “विद्रोह कानून” का दुरुपयोग करते हुए हिंसा को बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया ताकि सेना की तैनाती को उचित ठहराया जा सके।
अदालत में तीन दिन चली सुनवाई में न्याय विभाग के वकीलों ने शहर को “युद्धग्रस्त क्षेत्र” बताया, जबकि ओरेगन और पोर्टलैंड के वकीलों ने कहा कि हिंसा सीमित और स्थानीय पुलिस द्वारा नियंत्रित थी।
पोर्टलैंड के वकील कैरोलाइन टुरको ने तर्क दिया, “यह मामला इस बात पर है कि क्या हम संवैधानिक कानून से चलने वाला राष्ट्र हैं या सैन्य कानून से।”
ट्रंप प्रशासन इस फैसले को चुनौती देने की योजना बना रहा है और मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच सकता है।
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