हुर्रियत के पूर्व अध्यक्ष और संयम की आवाज़ अब्दुल गनी भट का 90 वर्ष की आयु में निधन
अलगाववादी खेमे के वरिष्ठ नेता और हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के संस्थापक सदस्य अब्दुल गनी भट का निधन। वे संवाद और संयम की राजनीति के लिए हमेशा याद किए जाएंगे।
हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के पूर्व अध्यक्ष और कश्मीर की राजनीति में संयमित आवाज़ माने जाने वाले अब्दुल गनी भट का 90 वर्ष की आयु में निधन हो गया। वे अलगाववादी खेमे के वरिष्ठ नेता और संगठन के संस्थापक सदस्यों में से एक थे।
भट अपने मध्यमार्गी विचारों और राजनीतिक संतुलन की कोशिशों के लिए जाने जाते थे। वे अक्सर कठोर रुख अपनाने से बचते थे और संवाद के रास्ते खोजने पर जोर देते थे, भले ही इसका मतलब हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के संविधान से परे जाना हो। उनकी यही विशेषता उन्हें अन्य नेताओं से अलग बनाती थी।
कश्मीर के सामाजिक और राजनीतिक परिदृश्य में भट का प्रभाव लंबे समय तक रहा। उन्होंने हमेशा विवादों और टकराव की राजनीति से दूर रहते हुए बातचीत और समाधान की वकालत की। उनके विचारों ने कश्मीर मसले पर मध्यमार्गी धारा को मजबूत किया और कई बार अलग-अलग धड़ों के बीच सेतु का काम किया।
और पढ़ें: कश्मीर में पार्टियों ने जेईआई से जुड़े स्कूलों पर सरकारी कब्ज़े की आलोचना की
भट का निधन ऐसे समय हुआ है जब कश्मीर की राजनीति लगातार बदलाव के दौर से गुजर रही है। विशेषज्ञों का मानना है कि उनके जाने से एक संतुलित और संवादशील नेतृत्व की कमी महसूस होगी। उनके समर्थकों और अनुयायियों का कहना है कि भट ने हमेशा कश्मीर के भविष्य के लिए अहिंसक और संवाद-आधारित दृष्टिकोण को प्राथमिकता दी।
उनके निधन पर कश्मीर के राजनीतिक हलकों में शोक की लहर है। उन्हें एक ऐसे नेता के रूप में याद किया जाएगा जिसने कठिन परिस्थितियों में भी संयम और मध्य मार्ग का रास्ता चुना।
और पढ़ें: बॉम्बे हाईकोर्ट ने वकील ओझा के खिलाफ मानहानि मामले में अवमानना कार्यवाही शुरू की