APTF की मांग – नई शिक्षा नीति 2020 की जगह लागू हों कोठारी आयोग की सिफारिशें
APTF ने केंद्र से नई शिक्षा नीति 2020 के बजाय कोठारी आयोग की सिफारिशें लागू करने की मांग की। संगठन ने NEP-2020 को त्रुटिपूर्ण और राज्यों की सहमति के बिना तैयार बताया।
आंध्र प्रदेश टीचर्स फेडरेशन (APTF) ने केंद्र सरकार से आग्रह किया है कि नई शिक्षा नीति (NEP-2020) को लागू करने के बजाय कोठारी आयोग की सिफारिशों को अपनाया जाए। संगठन का कहना है कि NEP-2020 में कई खामियां हैं और इसे सभी राज्यों की सहमति से नहीं बनाया गया, न ही इसे संसद से मंजूरी मिली है।
APTF के नेता बैंकुरु जोगी नायडू ने कहा कि शिक्षा नीति जैसे महत्वपूर्ण मुद्दे पर व्यापक परामर्श आवश्यक है, लेकिन वर्तमान नीति में ऐसा नहीं किया गया। उन्होंने आरोप लगाया कि यह नीति शिक्षा प्रणाली को केंद्रीकृत करने की कोशिश कर रही है, जिससे राज्यों के अधिकार कमजोर होंगे।
नायडू ने कहा कि कोठारी आयोग ने शिक्षा में समान अवसर, गुणवत्तापूर्ण पाठ्यक्रम और शिक्षक प्रशिक्षण को मजबूत करने की सिफारिशें दी थीं। उनका मानना है कि इन सिफारिशों को लागू करने से शिक्षा का वास्तविक सुधार होगा और यह सभी वर्गों के लिए अधिक न्यायसंगत होगा।
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उन्होंने यह भी कहा कि नई नीति निजीकरण को बढ़ावा देती है और सरकारी स्कूलों की स्थिति को और कमजोर कर सकती है। इसके बजाय, सरकार को कोठारी आयोग की रिपोर्ट के आधार पर नीतियां बनानी चाहिए ताकि शिक्षा प्रणाली में संतुलन और समानता लाई जा सके।
APTF ने राज्य और केंद्र सरकार से मांग की कि शिक्षा नीति पर पुनर्विचार किया जाए और सभी हितधारकों की सहमति से नई रूपरेखा तैयार की जाए।