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चुनाव आयोग की सख्ती के बाद बंगाल में अनिच्छुक बीएलओ ने स्वीकार की नियुक्ति

चुनाव आयोग की चेतावनी के बाद पश्चिम बंगाल के 143 सरकारी कर्मचारियों में से लगभग सभी ने बीएलओ के रूप में अपनी नियुक्ति स्वीकार कर ली है।

पश्चिम बंगाल में विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision - SIR) की तैयारी के दौरान चुनाव आयोग (EC) की सख्त चेतावनी के बाद, बूथ लेवल ऑफिसर (BLO) के रूप में नियुक्त किए गए 143 सरकारी कर्मचारियों में से लगभग सभी ने अपनी नियुक्ति स्वीकार कर ली है।

राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (CEO) कार्यालय के सूत्रों ने गुरुवार को बताया कि इन कर्मचारियों में से लगभग सभी ने अब अपनी नियुक्ति को स्वीकृति दे दी है, हालांकि कुछ ने चिकित्सकीय कारणों का हवाला देते हुए खुद को इस जिम्मेदारी से अलग रखने की अनुमति मांगी है।

बुधवार को राज्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय ने इन 143 सरकारी कर्मचारियों, जिनमें ज्यादातर स्कूल शिक्षक शामिल हैं, को चेतावनी दी थी कि वे गुरुवार दोपहर तक अपनी नियुक्ति स्वीकार करें, अन्यथा उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी और संबंधित जिला प्रशासन को उन्हें निलंबित करने का निर्देश दिया गया था।

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सूत्रों के अनुसार, यह निर्णय चुनाव आयोग की सख्त नीति का हिस्सा था ताकि मतदाता सूची के अद्यतन कार्य में किसी भी प्रकार की देरी या बाधा न आए। आयोग का मानना है कि बीएलओ चुनावी प्रक्रिया की नींव हैं और मतदाता सूची की सटीकता सुनिश्चित करने में उनकी भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है।

आयोग के इस कदम से अब राज्य में विशेष गहन पुनरीक्षण प्रक्रिया सुचारू रूप से चलने की उम्मीद है। वहीं, अधिकारियों ने कहा कि इस प्रक्रिया में पारदर्शिता और निष्पक्षता बनाए रखने के लिए सभी स्तरों पर निगरानी बढ़ाई जाएगी।

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