बिहार विधानसभा चुनाव: एनडीए मोदी-नीतीश नेतृत्व में एकजुट, विपक्ष दिशाहीन, सुप्रीम कोर्ट ने कहा—फाइनल मतदाता सूची में नामों को सार्वजनिक करें
भाजपा प्रवक्ता त्रिवेदी के अनुसार, एनडीए मोदी-नीतीश नेतृत्व में एकजुट है, विपक्ष दिशाहीन। सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को बिहार फाइनल मतदाता सूची सार्वजनिक करने का निर्देश दिया।
बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक माहौल गर्म है। भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं प्रवक्ता त्रिवेदी ने कहा कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) मोदी और नीतीश कुमार के नेतृत्व में पूरी तरह से एकजुट है, जबकि विपक्षी दलों के पास स्पष्ट रणनीति और दिशा नहीं दिख रही। उन्होंने दावा किया कि एनडीए का संगठन और विकास आधारित एजेंडा मतदाताओं के बीच विश्वास बना रहा है और यह गठबंधन आगामी चुनाव में बड़ी सफलता हासिल कर सकता है।
त्रिवेदी ने यह भी कहा कि बिहार में विकास और जनहित के मुद्दों पर जनता एनडीए की नीतियों का समर्थन कर रही है। उन्होंने विपक्षी दलों पर निशाना साधते हुए कहा कि उनका एजेंडा केवल विरोध करने तक सीमित है और वे मतदाताओं को कोई ठोस विकल्प नहीं दे पा रहे हैं।
इधर, सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को निर्देश दिया है कि बिहार की फाइनल मतदाता सूची में शामिल नामों को पारदर्शी रूप से सार्वजनिक किया जाए। अदालत ने कहा कि मतदाता सूची में गड़बड़ी या नामों की छिपाई गई जानकारी चुनाव की निष्पक्षता और लोकतांत्रिक प्रक्रिया पर असर डाल सकती है। कोर्ट का यह आदेश चुनाव आयोग को सुनिश्चित करने के लिए है कि सभी नामों की जांच और सार्वजनिक रूप से उपलब्धता से मतदाता अधिकार सुरक्षित रहें।
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राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि बिहार में एनडीए और विपक्ष के बीच चुनावी मुकाबला बहुत प्रतिस्पर्धी हो सकता है और सुप्रीम कोर्ट के आदेश से मतदाता सूची में पारदर्शिता बढ़ेगी, जो चुनाव की निष्पक्षता के लिए महत्वपूर्ण है।
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