लवासा परियोजना मामले में पवार परिवार के खिलाफ CBI जांच की मांग खारिज, बॉम्बे हाईकोर्ट ने याचिका ठुकराई
बॉम्बे हाईकोर्ट ने लवासा परियोजना में कथित अनियमितताओं को लेकर पवार परिवार के खिलाफ CBI जांच की मांग वाली PIL खारिज करते हुए कहा कि याचिका में कोई वैधानिक आधार और दम नहीं है।
बॉम्बे हाईकोर्ट ने सोमवार (22 दिसंबर, 2025) को एक जनहित याचिका (PIL) को खारिज कर दिया, जिसमें लवासा हिल स्टेशन परियोजना को लेकर कथित अनियमितताओं के संबंध में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद पवार गुट) के वरिष्ठ नेता शरद पवार, उनकी बेटी और बारामती से सांसद सुप्रिया सुले तथा महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार के खिलाफ केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) से जांच कराने की मांग की गई थी। यह परियोजना पुणे जिले में स्थित है और इसे लेकर लंबे समय से विवाद सामने आते रहे हैं।
मुख्य न्यायाधीश श्री चंद्रशेखर और न्यायमूर्ति गौतम अंखाडे की खंडपीठ ने याचिका को खारिज करते हुए कहा कि याचिकाकर्ता आवश्यक कानूनी आधार प्रस्तुत करने में विफल रहा है। अदालत ने स्पष्ट किया कि याचिकाकर्ता, अधिवक्ता नानासाहेब जाधव, यह साबित नहीं कर पाए कि इस प्रकार की राहत दिए जाने के लिए कोई वैधानिक प्रावधान मौजूद है।
खंडपीठ ने अपने मौखिक आदेश में कहा, “नागरिक क्षेत्राधिकार का प्रयोग करते हुए यह अदालत पुलिस को प्राथमिकी (FIR) दर्ज करने का निर्देश नहीं दे सकती।” अदालत ने यह भी टिप्पणी की कि प्रस्तुत जनहित याचिका में कोई ठोस तथ्य या कानूनी मजबूती नहीं है, जिसके आधार पर CBI जांच का आदेश दिया जा सके।
याचिका में आरोप लगाया गया था कि लवासा परियोजना को कुछ अनियमित और संदिग्ध मंजूरियां दी गईं, जिनमें प्रभावशाली राजनीतिक व्यक्तियों की भूमिका हो सकती है। हालांकि, अदालत ने माना कि केवल आरोपों के आधार पर जांच एजेंसी को निर्देश देना न्यायसंगत नहीं है।
हाईकोर्ट ने यह भी कहा कि जनहित याचिका दाखिल करने के लिए ठोस तथ्यों, प्रमाणों और स्पष्ट वैधानिक आधार का होना आवश्यक है। फिलहाल इस मामले में विस्तृत लिखित आदेश का इंतजार किया जा रहा है। इस फैसले के बाद पवार परिवार के खिलाफ CBI जांच की मांग को बड़ा झटका माना जा रहा है।
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