कोलकाता उच्च न्यायालय ने FIR दर्ज करने से BJP के सुवेंदु अधिकारी की सुरक्षा वापस ली
कोलकाता उच्च न्यायालय ने सुवेंदु अधिकारी की FIR से सुरक्षा वापस ली, उनके खिलाफ 15 FIRs रद्द किए और चार अन्य मामलों में SIT गठन का आदेश दिया।
पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता और भाजपा के वरिष्ठ नेता सुवेंदु अधिकारी के लिए कोलकाता उच्च न्यायालय ने शुक्रवार (24 अक्टूबर 2025) को बड़ा फैसला सुनाया। न्यायालय ने अधिकारी के खिलाफ FIR दर्ज करने से सुरक्षा हटाते हुए उनके खिलाफ 15 FIRs को रद्द कर दिया। इसके अलावा, न्यायालय ने चार अन्य मामलों में स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) बनाने का आदेश भी दिया।
यह फैसला 2022 में दिए गए न्यायालय के आदेश के विपरीत है, जिसमें न्यायमूर्ति राजशेखर मंचा ने निर्णय लिया था कि नंदीग्राम के विधायक के खिलाफ FIR दर्ज करने से पहले कोलकाता उच्च न्यायालय की अनुमति आवश्यक होगी। 2022 में अधिकारी को यह सुरक्षा प्रदान की गई थी कि उनके खिलाफ FIR बिना न्यायालय की अनुमति के दर्ज नहीं की जा सकती।
न्यायमूर्ति जय सेनगुप्ता ने अधिकारी के खिलाफ 15 FIRs को रद्द करते हुए कहा कि अब उन्हें दी गई सुरक्षा वापस ले ली गई है। इस फैसले के बाद अधिकारी पर कानूनी कार्रवाई की संभावना बढ़ गई है और यह उनके राजनीतिक करियर के लिए एक चुनौतीपूर्ण मोड़ साबित हो सकता है।
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पश्चिम बंगाल की राजनीतिक परिस्थितियाँ पहले से ही जटिल हैं और इस न्यायिक फैसले के बाद राज्य में राजनीतिक हलचल बढ़ने की संभावना है। अधिकारी और उनकी पार्टी को अब अपने राजनीतिक और कानूनी कदमों पर विशेष ध्यान देना होगा।
सुवेंदु अधिकारी के खिलाफ FIRs की संख्या और उनकी प्रकृति राज्य की राजनीति में लगातार चर्चा का विषय रही है। इस फैसले से पश्चिम बंगाल विधानसभा और राज्य की राजनीतिक गतिविधियों पर प्रत्यक्ष असर पड़ सकता है।