कैंसर को पूरे देश में अनिवार्य रूप से सूचित करने योग्य रोग घोषित किया जाए: संसदीय समिति
संसदीय समिति ने कैंसर को अधिसूचित रोग घोषित करने और तंबाकू उत्पादों पर भारी कर लगाने की सिफारिश की, ताकि कैंसर अनुसंधान व इलाज के लिए संसाधन जुटाए जा सकें।
संसद की एक स्थायी समिति ने सिफारिश की है कि कैंसर को पूरे देश में अनिवार्य रूप से सूचित करने योग्य (Notifiable) रोग घोषित किया जाए, ताकि इसके मामलों का समय पर पता लगाया जा सके और प्रभावी इलाज सुनिश्चित हो। समिति ने कहा कि यदि कैंसर को अधिसूचित रोग का दर्जा दिया जाता है, तो राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को इसकी रिपोर्टिंग अनिवार्य करनी होगी।
समिति ने अपनी रिपोर्ट में सुझाव दिया कि तंबाकू उत्पादों पर उच्च जोखिम उपकर (High-Risk Cess) या भारी कर लगाया जाए और इससे प्राप्त राजस्व का उपयोग देशभर में कैंसर अनुसंधान और कैंसर देखभाल सुविधाओं को मजबूत करने के लिए किया जाए।
रिपोर्ट के अनुसार, भारत में हर साल कैंसर के लाखों नए मामले सामने आते हैं, लेकिन सही डेटा की कमी के कारण बीमारी की वास्तविक स्थिति का आकलन मुश्किल हो जाता है। समिति का मानना है कि सटीक डेटा मिलने से रोकथाम, जांच और इलाज की व्यवस्था बेहतर ढंग से की जा सकेगी।
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इसके अलावा, समिति ने केंद्र सरकार से कैंसर जागरूकता कार्यक्रमों को और अधिक व्यापक बनाने की भी सिफारिश की। इसमें ग्रामीण क्षेत्रों तक विशेष जागरूकता अभियान चलाने, स्क्रीनिंग सुविधाओं का विस्तार करने और इलाज की लागत कम करने पर जोर दिया गया है।
समिति ने कहा कि तंबाकू सेवन कैंसर के सबसे बड़े कारणों में से एक है। इसलिए तंबाकू पर भारी कर लगाने से इसका उपभोग कम होगा और जो अतिरिक्त राजस्व मिलेगा, उसे स्वास्थ्य सेवाओं में लगाया जा सकता है।
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