पश्चिम बंगाल में मनरेगा फिर शुरू करने की तैयारी में केंद्र, प्रक्रियाएं नए सिरे से तय की जा रहीं
केंद्र ने बताया कि वह पश्चिम बंगाल में मनरेगा बहाल करने के लिए प्रक्रियाएं पुनः तैयार कर रहा है। हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट दोनों ने योजना शुरू करने के निर्देश पहले ही दे दिए हैं।
केंद्र सरकार ने बताया कि ग्रामीण विकास मंत्रालय पश्चिम बंगाल में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) योजना को पुनः शुरू करने के लिए प्रक्रियाओं और तौर-तरीकों को “दोबारा तैयार और परिष्कृत” करने की प्रक्रिया में है। यह जानकारी शुक्रवार (5 दिसंबर 2025) को राज्यसभा में दी गई।
यह जवाब केंद्रीय ग्रामीण विकास राज्यमंत्री कमलेश पासवान ने तृणमूल कांग्रेस के राज्यसभा सांसद और पार्टी के संसदीय नेता डेरेक ओ’ब्रायन द्वारा पूछे गए प्रश्न के उत्तर में दिया।
गौरतलब है कि केंद्र ने मार्च 2022 में पश्चिम बंगाल के लिए मनरेगा फंड को स्थगित कर दिया था। केंद्र का आरोप था कि राज्य सरकार लगातार केंद्रीय दिशा-निर्देशों का पालन नहीं कर रही है। इस रोक के बाद राज्य में लाखों मजदूरों को वेतन न मिलने की शिकायतें सामने आई थीं।
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जून 2025 में कलकत्ता हाई कोर्ट ने आदेश दिया था कि राज्य में मनरेगा को जल्द से जल्द बहाल किया जाए। हाई कोर्ट ने माना कि मनरेगा जैसी महत्त्वपूर्ण सामाजिक सुरक्षा योजना को रोकने से गरीब मजदूरों के जीवन पर गंभीर प्रभाव पड़ रहा है। इसके बाद अक्टूबर 2025 में सुप्रीम कोर्ट ने भी हाई कोर्ट के इस फैसले को बरकरार रखा और केंद्र को निर्देश दिया कि वह योजना को बहाल करने की आवश्यक प्रक्रिया पूरी करे।
राज्यसभा में दिए जवाब में मंत्रालय ने कहा कि मनरेगा को पुनः लागू करने के लिए “प्रक्रियागत और तकनीकी सुधार” किए जा रहे हैं, ताकि योजना का संचालन पारदर्शी और जवाबदेह ढंग से हो सके। मंत्रालय का कहना है कि कुछ आवश्यक दिशानिर्देशों और सत्यापन प्रक्रियाओं को अपडेट किया जा रहा है।
पश्चिम बंगाल सरकार लंबे समय से आरोप लगाती रही है कि केंद्र राजनीतिक कारणों से मनरेगा फंड रोक रहा है, जबकि केंद्र का कहना है कि फंड जारी करने से पहले राज्य को अनुपालन सुनिश्चित करना अनिवार्य है। अब सभी प्रक्रियाएं तय होने के बाद योजना के जल्द शुरू होने की उम्मीद जताई जा रही है।
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