भारत में बाल विवाह में गिरावट : रिपोर्ट
रिपोर्ट के अनुसार भारत में बाल विवाह में गिरावट आई है। लड़कियों में 69% और लड़कों में 72% कमी दर्ज की गई। शिक्षा और जागरूकता इसमें मुख्य भूमिका निभा रही है।
भारत में बाल विवाह की घटनाओं में पिछले वर्षों के मुकाबले महत्वपूर्ण गिरावट देखी गई है। हालिया रिपोर्ट के अनुसार, लड़कियों में यह प्रथा 69% तक कम हो गई है, जबकि लड़कों में 72% की कमी दर्ज की गई है। यह आंकड़े देश में बाल विवाह पर रोक लगाने और बच्चों के अधिकारों को सुनिश्चित करने के लिए किए गए प्रयासों का सकारात्मक परिणाम है।
रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि शिक्षा, जागरूकता अभियान और कानूनी कदमों ने बाल विवाह की रोकथाम में अहम भूमिका निभाई है। विशेषकर लड़कियों की शिक्षा और समाज में लैंगिक समानता को बढ़ावा देने वाले कार्यक्रमों ने इस गिरावट में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। कई राज्यों में पंचायत स्तर पर जागरूकता अभियान चलाए गए और स्थानीय समुदायों को बाल विवाह के दुष्परिणामों के बारे में जानकारी दी गई।
सरकार और गैर-सरकारी संगठनों ने मिलकर यह सुनिश्चित किया कि किशोरावस्था में विवाह को रोकने के लिए कानूनों का सख्ती से पालन हो। रिपोर्ट में यह भी संकेत दिया गया है कि युवा पीढ़ी में इस मुद्दे को लेकर मानसिकता में बदलाव आया है और वे बाल विवाह के खिलाफ अधिक संवेदनशील और जागरूक हो रहे हैं।
और पढ़ें: सुप्रीम कोर्ट में महिलाओं की हिस्सेदारी बढ़ाने की ज़रूरत
हालांकि, रिपोर्ट में यह भी चेतावनी दी गई है कि कुछ ग्रामीण और पिछड़े क्षेत्रों में बाल विवाह की घटनाएं अभी भी प्रचलित हैं। ऐसे क्षेत्रों में निरंतर जागरूकता, शिक्षा और कानूनी प्रवर्तन की आवश्यकता बनी हुई है।
विश्लेषकों का कहना है कि यदि यह रुझान जारी रहता है, तो आने वाले वर्षों में भारत बाल विवाह की प्रथा को लगभग समाप्त करने की दिशा में महत्वपूर्ण प्रगति कर सकता है।
और पढ़ें: नेतन्याहू ने UN में गाजा जनसंहार के आरोपों का खंडन किया