चिली में अतिदक्षिणपंथी जीत की आशंका से अवैध प्रवासी देश छोड़ने को मजबूर
चिली चुनाव में अतिदक्षिणपंथी उम्मीदवार कास्ट की बढ़त से अवैध प्रवासी भयभीत हैं। सीमा बंद होने से वे न तो पेरू जा पा रहे हैं, न चिली में रह पा रहे हैं।
चिली में 14 दिसंबर को होने वाले राष्ट्रपति चुनाव के निर्णायक दूसरे चरण से पहले देश में भय और अनिश्चितता का माहौल बन गया है। अतिदक्षिणपंथी उम्मीदवार जोस एंतोनियो कास्ट चुनाव में बढ़त बनाए हुए हैं, और उन्होंने सत्ता में आने पर लाखों अवैध प्रवासियों को देश से निकालने का संकल्प लिया है। इसी आशंका के कारण पेरू की सीमा से लगे चिली के रेगिस्तानी इलाकों में दर्जनों अवैध प्रवासी तेज धूप में लाइन लगाकर देश छोड़ने का रास्ता तलाश रहे हैं।
कास्ट के कठोर रुख से वेनेज़ुएला सहित लैटिन अमेरिका के कई देशों से आए प्रवासी भयभीत हैं। 56 वर्षीय नर्स मिलबायाजैरा रिवास ने बताया कि कास्ट ने स्पष्ट कहा है कि बिना वैध दस्तावेज वाले विदेशियों को हटाया जाएगा, इसलिए उन्हें कहीं और शरण लेनी होगी। हालांकि, पड़ोसी पेरू ने भी अपने सीमांत क्षेत्रों में आपातकाल लागू कर दिया है और सेना की निगरानी बढ़ा दी है ताकि अवैध रूप से कोई सीमा न पार कर सके। पेरू के विदेश मंत्री ने कहा है कि देश अब और अनियमित प्रवासियों को स्वीकार नहीं करेगा।
सीमा पर तैनात पेरू की पुलिस प्रवासियों को पानी तो दे रही है, लेकिन उन्हें सीमा पार नहीं करने दे रही। कई प्रवासी असमंजस में हैं कि आगे क्या करेंगे। अप्रैल 2023 में भी पेरू ने इसी तरह सीमा पर सेना तैनात की थी।
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चिली के आरिका क्षेत्र के गवर्नर डिएगो पाको ने रेगिस्तान में फंसे प्रवासियों की सुरक्षा को लेकर चिंता जताई, खासकर बच्चों और बुजुर्गों के लिए, क्योंकि रात में तापमान बेहद गिर जाता है। 2018 में जहां चिली में अवैध प्रवासियों की संख्या लगभग 10,000 थी, वहीं 2024 तक यह बढ़कर 3.3 लाख हो गई। अधिकांश प्रवासी वेनेज़ुएला से हैं।
हालांकि प्रवासियों को चिली में स्वास्थ्य सेवाएं और बच्चों को शिक्षा मिलती है, लेकिन कुछ स्थानीय लोग अपराध बढ़ने के लिए इन्हें जिम्मेदार ठहराते हैं। वेनेज़ुएला के बिली गोंजालेज़ ने कहा कि सभी प्रवासी अपराधी नहीं हैं—कई लोग सिर्फ काम करना चाहते हैं। उन्होंने कास्ट की सख्त नीतियों पर नाराजगी जताते हुए कहा कि कम से कम उन्हें किसी सुरक्षित देश तक जाने का विकल्प तो दिया जाए।
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