×
 

सीजेआई गवई का भावुक विदाई संबोधन: न्याय का छात्र बनकर सुप्रीम कोर्ट छोड़ रहा हूं

सीजेआई गवई ने अंतिम दिन भावुक विदाई देते हुए कहा कि वे “न्याय के छात्र” के रूप में सुप्रीम कोर्ट छोड़ रहे हैं। संविधान, समानता और न्याय उनके पूरे करियर की आधारशिला रहे।

सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश (CJI) भालचंद्र रामकृष्ण गवई ने शुक्रवार (21 नवंबर 2025) को अपने अंतिम कार्य दिवस पर भावुक विदाई संबोधन दिया। उन्होंने कहा कि वे चार दशक की अपनी कानूनी यात्रा पूरी कर “न्याय के छात्र” के रूप में सुप्रीम कोर्ट से विदा ले रहे हैं और उन्हें पूर्ण संतोष है कि उन्होंने देश के लिए वह सब किया जो वे कर सकते थे।

सीजेआई गवई ने सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के विदाई समारोह में अपने करियर के महत्वपूर्ण पलों को याद किया। उन्होंने बताया कि आरक्षण में ‘क्रीमी लेयर’ को लागू करने संबंधी अपने ऐतिहासिक फैसले पर उन्हें अपनी ही समुदाय के लोगों के विरोध का सामना करना पड़ा था। उन्होंने कहा कि संविधान के मूल मूल्य—समानता, न्याय, स्वतंत्रता और बंधुत्व—हमेशा उनके कार्य का आधार रहे।

सीजेआई ने अपने हालिया निर्णय—2021 के ट्रिब्यूनल रिफॉर्म्स कानून के प्रमुख प्रावधानों को रद्द करने—का बचाव किया। उन्होंने कहा कि न्यायपालिका की स्वतंत्रता संविधान की मूल संरचना है और इसे किसी भी कीमत पर कमजोर नहीं किया जा सकता।

और पढ़ें: फर्जी जमानती पहचान पर पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट सख्त, आदेशों की अनदेखी पर रजिस्ट्रार जनरल को बनाया पक्षकार

अमरावती से विनम्र पृष्ठभूमि से सर्वोच्च न्यायालय तक की अपनी यात्रा को याद करते हुए उन्होंने कहा कि यह रास्ता संविधान और माता-पिता के संस्कारों से संभव हुआ। वे देश के दूसरे दलित और पहले बौद्ध मुख्य न्यायाधीश हैं।

उनके उत्तराधिकारी बनने वाले न्यायमूर्ति सूर्यकांत ने उन्हें ‘‘सहकर्मी से बढ़कर भाई’’ बताया और कहा कि गवई ने मामलों को धैर्य, गरिमा और हास्य के साथ संभाला।

सीजेआई गवई ने कहा कि सार्वजनिक पद शक्ति का नहीं, सेवा का अवसर होता है। उन्होंने डॉ. भीमराव आंबेडकर के प्रति अपनी गहरी श्रद्धा व्यक्त करते हुए कहा कि सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय के सिद्धांत उनके न्यायिक दर्शन की आधारशिला रहे।

उन्होंने पर्यावरण और वन्यजीव संरक्षण से जुड़े मामलों को अपने दिल के करीब बताया और कहा कि उन्होंने हमेशा नागरिक अधिकारों और पर्यावरण संरक्षण के बीच संतुलन बनाने की कोशिश की।

और पढ़ें: नाबालिग भी अब वयस्कों की तरह पाएंगे अग्रिम जमानत: कलकत्ता हाई कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला

 
 
 
Gallery Gallery Videos Videos Share on WhatsApp Share