×
 

सुप्रीम कोर्ट में जूता फेंकने की घटना पर सीजेआई गवई का बयान : चौंक गया था, पर अब वह बीता हुआ अध्याय है

CJI गवई ने सुप्रीम कोर्ट में हुई जूता फेंकने की घटना पर कहा कि वह चौंक गए थे, लेकिन अब इसे बीता हुआ अध्याय मानते हैं और आगे बढ़ चुके हैं।

सुप्रीम कोर्ट में हाल ही में हुई जूता फेंकने की घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए मुख्य न्यायाधीश (CJI) न्यायमूर्ति संजय करोल गवई ने कहा कि वह इस घटना से चौंक गए थे, लेकिन अब यह एक बीता हुआ अध्याय है।”

मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि अदालत की गरिमा और अनुशासन सर्वोपरि है, और इस तरह की घटनाएं न्यायपालिका की निष्पक्षता या कामकाज को प्रभावित नहीं कर सकतीं। उन्होंने बताया कि अदालत का माहौल हमेशा सम्मानजनक और शांतिपूर्ण बनाए रखने की जिम्मेदारी सभी की है — चाहे वह वकील हों, याचिकाकर्ता हों या आम नागरिक।

घटना के दौरान एक व्यक्ति ने अदालत की कार्यवाही के बीच जूता फेंका था, जिससे अदालत में कुछ समय के लिए अफरा-तफरी का माहौल बन गया। सुरक्षा कर्मियों ने तुरंत कार्रवाई करते हुए उस व्यक्ति को हिरासत में ले लिया। इस घटना के बाद अदालत ने मामले को संज्ञान में लिया और जांच के आदेश दिए।

और पढ़ें: मुख्य न्यायाधीश पर जूता फेंकने वाले वकील को बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने किया निलंबित, कहा— अदालत की गरिमा के विपरीत आचरण

सीजेआई गवई ने आगे कहा कि उन्होंने इस घटना को व्यक्तिगत रूप से नहीं लिया और इसे “एक दुर्भाग्यपूर्ण लेकिन भूलने योग्य” घटना बताया। उन्होंने यह भी कहा कि न्यायपालिका को ऐसे व्यवधानों से नहीं डराया जा सकता और अदालत अपनी कर्तव्यनिष्ठा, संयम और न्याय के सिद्धांतों के साथ आगे बढ़ती रहेगी।

कानूनी विशेषज्ञों का कहना है कि यह घटना न्यायपालिका की गरिमा पर हमला तो है, लेकिन अदालत ने जिस संयम से इसे संभाला, वह उसकी संस्थागत परिपक्वता को दर्शाता है।

और पढ़ें: सीजेआई गवई बोले: मध्यस्थता से टकराव को संवाद में बदला जा सकता है

 
 
 
Gallery Gallery Videos Videos Share on WhatsApp Share