कांग्रेस का दावा: महात्मा गांधी ने आरएसएस को बताया था 'साम्प्रदायिक और तानाशाही प्रवृत्ति वाला संगठन'
कांग्रेस ने दावा किया कि महात्मा गांधी ने आरएसएस को साम्प्रदायिक और तानाशाही प्रवृत्ति वाला संगठन कहा था। जयराम रमेश ने किताब से उद्धरण साझा कर भाजपा और संघ पर हमला बोला।
कांग्रेस ने एक नया राजनीतिक विवाद खड़ा करते हुए दावा किया है कि महात्मा गांधी ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) को एक "साम्प्रदायिक संस्था" और "तानाशाही मानसिकता वाला संगठन" बताया था। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने इस दावे को पुष्ट करने के लिए एक किताब का हवाला दिया और उसका अंश सोशल मीडिया पर साझा किया।
जयराम रमेश ने कहा कि गांधीजी का दृष्टिकोण स्पष्ट रूप से आरएसएस की विचारधारा और कार्यप्रणाली को लेकर आलोचनात्मक था। उन्होंने एक किताब से उद्धृत अंश साझा करते हुए दिखाया कि गांधीजी ने आरएसएस की कार्यप्रणाली में साम्प्रदायिकता और अधिनायकवाद की प्रवृत्ति देखी थी।
कांग्रेस ने इसे आधार बनाकर भाजपा और संघ पर निशाना साधा है। पार्टी का कहना है कि गांधीजी के विचार ही इस बात का प्रमाण हैं कि आरएसएस देश की सामाजिक एकता और सांप्रदायिक सौहार्द के लिए खतरा बना रहा।
और पढ़ें: प्रधानमंत्री मोदी ने गांधी और शास्त्री जी की जयंती पर दी श्रद्धांजलि
दूसरी ओर, राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि यह मुद्दा कांग्रेस और भाजपा के बीच पहले से जारी वैचारिक संघर्ष को और तेज करेगा। आरएसएस और भाजपा की ओर से फिलहाल इस दावे पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी गई है, लेकिन संभावना है कि आने वाले दिनों में यह बड़ा राजनीतिक विवाद बन सकता है।
गौरतलब है कि कांग्रेस लगातार गांधीजी के विचारों का उल्लेख करते हुए भाजपा और संघ पर हमला करती रही है, जबकि भाजपा खुद को गांधीजी के आदर्शों और राष्ट्रवाद से जोड़ने की कोशिश करती है।
और पढ़ें: निकोबार प्रोजेक्ट पर बुनियादी सवालों का जवाब नहीं दे पाए पर्यावरण मंत्री: जयराम रमेश