निकोबार प्रोजेक्ट पर बुनियादी सवालों का जवाब नहीं दे पाए पर्यावरण मंत्री: जयराम रमेश
जयराम रमेश ने पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव पर हमला किया कि वे निकोबार प्रोजेक्ट पर बुनियादी सवालों का जवाब नहीं दे पाए। उन्होंने अनुसूचित जनजाति आयोग की राय न लेने पर सवाल उठाया।
कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश ने पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव पर कड़ा हमला करते हुए कहा कि वे निकोबार प्रोजेक्ट पर बुनियादी सवालों का जवाब नहीं दे पाए। रमेश ने इस बात पर चिंता जताई कि ऐसे महत्वपूर्ण परियोजना पर पर्यावरण और सामाजिक प्रभावों के बारे में स्पष्ट जानकारी नहीं दी जा रही है।
जयराम रमेश ने सवाल उठाया कि निकोबार प्रोजेक्ट को मंजूरी देने से पहले राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग (National Commission on Scheduled Tribes) से क्यों राय नहीं ली गई। उनका कहना था कि इस प्रोजेक्ट का सीधा प्रभाव वहां की आदिवासी और स्थानीय आबादी पर पड़ेगा, इसलिए आयोग की सलाह लेना अनिवार्य था।
उन्होंने यह भी कहा कि न केवल सामाजिक और पारिस्थितिक मुद्दे, बल्कि परियोजना के आर्थिक और रणनीतिक पहलुओं पर भी मंत्रालय को पूरी जानकारी देनी चाहिए थी। जयराम रमेश का यह आरोप है कि सरकार इस मामले में पारदर्शिता नहीं बरत रही है और पर्यावरणीय सुरक्षा के दृष्टिकोण से भी यह गंभीर चिंता का विषय है।
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रमेश ने आगे कहा कि संसद और संबंधित समितियों को इस प्रोजेक्ट के सभी पहलुओं की जानकारी दी जानी चाहिए ताकि किसी भी प्रकार की अनदेखी या सामाजिक असंतोष पैदा न हो। उन्होंने यह भी जोर दिया कि प्रोजेक्ट की मंजूरी प्रक्रिया में सभी कानूनी और संवैधानिक प्रावधानों का पालन होना चाहिए।
इस प्रकार, जयराम रमेश ने न केवल निकोबार प्रोजेक्ट की प्रक्रिया पर सवाल उठाए हैं, बल्कि यह भी मांग की है कि मंत्रालय और सरकार पूरी पारदर्शिता के साथ नागरिकों और आदिवासी समुदाय को जानकारी दें। इस बयान ने इस परियोजना को लेकर राजनीतिक और सामाजिक बहस को फिर से तेज कर दिया है।
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