कांग्रेस और शिवसेना ने इजरायल के राजदूत के खिलाफ कार्रवाई की मांग की
कांग्रेस और शिवसेना ने इजरायल के राजदूत के बयान को अस्वीकार्य करार दिया और उनसे कड़ी कार्रवाई की मांग की, जो प्रियंका वाड्रा की गाजा पर टिप्पणी के बाद आया।
गाजा में इजरायल द्वारा "जनसंहार" किए जाने की बात कहने वाली कांग्रेस नेता प्रियंका वाड्रा की टिप्पणी के बाद, इजरायली राजदूत ने उनके आरोपों को झूठा और भ्रामक बताया। इस विवादित बयान को लेकर कांग्रेस और शिवसेना (UBT) के सांसदों ने कड़ी निंदा की है और राजदूत के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
प्रियंका वाड्रा ने हाल ही में गाजा में हो रहे हिंसात्मक घटनाक्रमों को लेकर इजरायल पर गंभीर आरोप लगाए थे, जिनमें उन्होंने जनसंहार की बात कही। इसके जवाब में इजरायली राजदूत ने उनके आरोपों को झूठा और भ्रामक बताया, साथ ही उनकी छवि को बदनाम करने की कोशिश की।
कांग्रेस और शिवसेना सांसदों ने राजदूत के इस जवाबी बयान की भाषा और स्वर को "अस्वीकार्य" बताया है। उनका कहना है कि राजदूत का यह व्यवहार कूटनीतिक मर्यादाओं के खिलाफ है और इसे तुरंत रोका जाना चाहिए। उन्होंने सरकार से इस मामले में सख्त कदम उठाने का आग्रह किया है ताकि भारत में ऐसे अपमानजनक बयानों को बर्दाश्त न किया जाए।
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राजनीतिक दलों का यह भी कहना है कि अंतरराष्ट्रीय मसलों पर भारत की रुख स्पष्ट और संतुलित होना चाहिए, लेकिन राजदूत द्वारा किसी देश की नेता के खिलाफ इस तरह के आरोप लगाना भारत-इजरायल संबंधों पर भी असर डाल सकता है।
इस घटना ने दोनों देशों के बीच कूटनीतिक तनाव बढ़ाने का खतरा पैदा कर दिया है। इसलिए विपक्षी दलों ने सरकार से अपेक्षा जताई है कि वह इस मामले को गंभीरता से लेकर आवश्यक कार्रवाई करें।
कुल मिलाकर, प्रियंका वाड्रा और इजरायली राजदूत के बीच हुई यह जुबानी जंग राजनीतिक और कूटनीतिक स्तर पर चर्चा का विषय बनी हुई है।