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संविधान दिवस पर पीएम का आह्वान, राहुल और ममता ने संविधान की रक्षा का संकल्प दोहराया

संविधान दिवस पर पीएम मोदी ने संविधानिक मूल्यों को मजबूत करने का आह्वान किया, जबकि राहुल गांधी और ममता बनर्जी ने संविधान की रक्षा का संकल्प दोहराते हुए लोकतंत्र और नागरिक अधिकारों पर जोर दिया।

देश आज संविधान दिवस मना रहा है, जो हर वर्ष 26 नवंबर को 1949 में संविधान अंगीकरण की स्मृति में मनाया जाता है। इस अवसर पर राजनीति के दोनों पक्षों के नेताओं ने संविधान और उसके मूल्यों पर अपने विचार व्यक्त किए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नागरिकों से संविधानिक आदर्शों को मजबूत करने का आह्वान किया, जबकि विपक्षी नेताओं राहुल गांधी और ममता बनर्जी ने संविधान की रक्षा का संकल्प दोहराया।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि संविधान-निर्माताओं की दूरदर्शिता और नेतृत्व आज भी राष्ट्र निर्माण की दिशा तय करते हैं। उन्होंने कहा, “हमारे संविधान में मानव गरिमा, समानता और स्वतंत्रता को सर्वोच्च महत्व दिया गया है। यह हमें अधिकार देता है, पर साथ ही नागरिकों के रूप में हमारे कर्तव्यों की भी याद दिलाता है। यही कर्तव्य मजबूत लोकतंत्र की नींव हैं।”

लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने कहा कि संविधान केवल एक पुस्तक नहीं, बल्कि प्रत्येक नागरिक से किया गया एक पवित्र वादा है—धर्म, जाति, भाषा, क्षेत्र या आर्थिक स्थिति से ऊपर उठकर सम्मान, न्याय और समानता का वादा। उन्होंने कहा कि संविधान गरीबों और वंचितों की ढाल है और जब तक संविधान सुरक्षित है, हर नागरिक सुरक्षित है। उन्होंने प्रतिज्ञा ली कि संविधान पर किसी भी हमले को वह बर्दाश्त नहीं करेंगे।

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पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी संविधान-निर्माताओं, विशेषकर डॉ. बी.आर. आंबेडकर को नमन किया। उन्होंने कहा कि भारत का संविधान विविधता को एक सूत्र में पिरोकर एकीकृत संघीय ढांचा तैयार करता है। केन्द्र पर अप्रत्यक्ष हमला करते हुए उन्होंने कहा कि जब लोकतंत्र, धर्मनिरपेक्षता और संघवाद खतरे में हों, तब संविधान द्वारा दिए गए मार्गदर्शन की रक्षा करना आवश्यक है।

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