अगस्ता वेस्टलैंड घोटाले के आरोपी क्रिश्चियन मिशेल जेम्स को रिहाई का आदेश
अगस्ता वेस्टलैंड घोटाले के आरोपी क्रिश्चियन मिशेल जेम्स को सात साल हिरासत पूरी होने पर कोर्ट से राहत मिली, हालांकि सीबीआई मामले में उनकी जमानत अभी लंबित है।
अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर घोटाले के आरोपी क्रिश्चियन मिशेल जेम्स को सात साल तक न्यायिक हिरासत में रहने के बाद बड़ी राहत मिली है। दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने शनिवार (20 दिसंबर 2025) को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में उनकी रिहाई का आदेश दिया। अदालत ने कहा कि मिशेल इस मामले में अधिकतम संभावित सजा की आधी अवधि जेल में पूरी कर चुके हैं, जबकि जांच अब तक पूरी नहीं हो सकी है।
विशेष न्यायाधीश (सीबीआई) संजय जिंदल ने दंड प्रक्रिया संहिता (CrPC) की धारा 436A का हवाला देते हुए यह आदेश दिया। इस धारा के तहत यदि किसी आरोपी ने अधिकतम सजा की आधी अवधि जेल में बिता ली हो और मुकदमे में देरी हो रही हो, तो उसे रिहा किया जा सकता है।
अदालत में मिशेल के वकील ने दलील दी कि इस मामले की जांच और उनके कथित रोल को लेकर पिछले 12 वर्षों में कोई निर्णायक निष्कर्ष नहीं निकाला जा सका है। इसके बावजूद उन्हें लंबे समय तक हिरासत में रखा गया, जो कानून के मूल सिद्धांतों के खिलाफ है।
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हालांकि, अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि यह राहत केवल प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा दर्ज मनी लॉन्ड्रिंग मामले में दी गई है। सीबीआई द्वारा दर्ज एक अन्य आपराधिक मामले में मिशेल की जमानत याचिका अब भी लंबित है, जिस पर अलग से सुनवाई की जाएगी।
क्रिश्चियन मिशेल पर आरोप है कि उन्होंने वीवीआईपी हेलीकॉप्टर सौदे में कथित तौर पर बिचौलिये की भूमिका निभाई और रिश्वत के लेन-देन में शामिल रहे। यह मामला देश के सबसे चर्चित रक्षा सौदों में से एक माना जाता है।
इस आदेश के बाद एक बार फिर न्यायिक प्रक्रिया में देरी और लंबी हिरासत पर सवाल उठे हैं, साथ ही यह फैसला उन मामलों में मिसाल माना जा रहा है, जहां जांच वर्षों तक लंबित रहती है।
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