सीमा सुरक्षा मजबूत करने के लिए डीएसी ने 67,000 करोड़ रुपये के रक्षा खरीद प्रस्तावों को मंजूरी दी
रक्षा अधिग्रहण परिषद ने 67,000 करोड़ रुपये के रक्षा खरीद प्रस्तावों को मंजूरी दी। तीनों सेनाओं के लिए उन्नत MALE ड्रोन खरीदे जाएंगे, जिससे सीमा सुरक्षा और सैन्य क्षमताएं मजबूत होंगी।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में मंगलवार (5 अगस्त 2025) को हुई रक्षा अधिग्रहण परिषद (डीएसी) की बैठक में लगभग 67,000 करोड़ रुपये के कई रक्षा खरीद प्रस्तावों को मंजूरी दी गई। इन प्रस्तावों का उद्देश्य देश की सैन्य तैयारी को मजबूत करना और सीमाओं की सुरक्षा को सुदृढ़ करना है।
बैठक में “आवश्यकता की स्वीकृति” (Acceptance of Necessity) दी गई, जिसके तहत तीनों सेनाओं (थल सेना, नौसेना और वायुसेना) के लिए मध्यम ऊंचाई, लंबी अवधि तक उड़ान भरने वाले (Medium Altitude Long Endurance – MALE) रिमोटली पायलटेड एयरक्राफ्ट (RPA) की खरीद शामिल है। यह आधुनिक ड्रोन तकनीक सीमावर्ती इलाकों में निगरानी और खुफिया जानकारी जुटाने में मदद करेगी, जिससे राष्ट्रीय सुरक्षा को नया आयाम मिलेगा।
डीएसी की मंजूरी के साथ, भारतीय सशस्त्र बलों की क्षमता बढ़ाने और उन्हें अत्याधुनिक हथियारों और उपकरणों से लैस करने की प्रक्रिया तेज होगी। इन रक्षा प्रणालियों में निगरानी, संचार और उच्च स्तरीय सुरक्षा तकनीकों का समावेश होगा, जो सीमाओं पर किसी भी प्रकार के खतरे का समय रहते पता लगाने और उससे निपटने में सहायक होंगे।
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रक्षा मंत्रालय ने कहा कि यह कदम आत्मनिर्भर भारत (Atmanirbhar Bharat) पहल के तहत घरेलू रक्षा उत्पादन को भी बढ़ावा देगा। अधिकांश उपकरण और सिस्टम देश में ही विकसित या निर्मित किए जाएंगे, जिससे स्वदेशी रक्षा उद्योग को मजबूती मिलेगी।
विशेषज्ञों का मानना है कि इन नई रक्षा खरीद योजनाओं से भारतीय सेनाओं की ऑपरेशनल क्षमताओं में बड़ा सुधार होगा और सीमा पर सुरक्षा तंत्र को और सुदृढ़ किया जा सकेगा।
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