चुनाव आयोग ने मताधिकार छीनने के आरोप खारिज किए; भारतीय सेना ने ब्रह्मोस सुपरसोनिक मिसाइल का सफल कॉम्बैट लॉन्च किया
चुनाव आयोग ने मताधिकार छीनने के आरोप खारिज किए, जबकि भारतीय सेना ने ब्रह्मोस सुपरसोनिक मिसाइल का सफल कॉम्बैट लॉन्च कर देश की रक्षा क्षमता को और मजबूत किया।
भारत के चुनाव आयोग ने ‘बड़े पैमाने पर मताधिकार छीनने’ के आरोपों को पूरी तरह खारिज करते हुए सुप्रीम कोर्ट में अलग-अलग हलफनामे दाखिल किए हैं। आयोग ने बताया कि तमिलनाडु में 95.65% और पश्चिम बंगाल में 99.77% मतदाताओं को पहले ही प्री-फिल्ड एन्यूमरेशन फॉर्म उपलब्ध करा दिए गए हैं। आयोग के अनुसार, मतदाता सूची से बड़े स्तर पर किसी भी प्रकार की नाम काटने या मताधिकार समाप्त करने की शिकायत तथ्यात्मक नहीं है और इसकी कोई विश्वसनीय आधारशिला नहीं मिलती।
चुनाव आयोग ने कहा कि वह पारदर्शी, सटीक और समावेशी मतदाता सूची तैयार करने के लिए निरंतर काम कर रहा है। हाल ही में उठे आरोपों का आयोग ने विस्तार से जवाब देते हुए बताया कि मतदाता सूचियों के अद्यतन की प्रक्रिया पूरी तरह नियमों और निगरानी के तहत की जाती है। आयोग ने यह भी स्पष्ट किया कि मतदाता पहचान और सूची सत्यापन में तकनीकी सुधारों के उपयोग से प्रक्रिया पहले से अधिक विश्वसनीय और मजबूत हुई है।
इसी बीच, भारत की रक्षा क्षमता से जुड़ी एक बड़ी उपलब्धि सामने आई है। भारतीय सेना ने सोमवार (1 दिसंबर 2025) को बंगाल की खाड़ी में स्थित एक परीक्षण क्षेत्र से ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज़ मिसाइल का सफल कॉम्बैट लॉन्च किया। यह मिसाइल अपनी तेज़ गति, उच्च सटीकता और अत्याधुनिक क्षमता के लिए जानी जाती है।
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जानकारी के अनुसार, मिसाइल ने उच्च गति के साथ उड़ान भरते हुए अपने लक्ष्य को अत्यंत सटीकता से भेदा। इस सफल परीक्षण ने भारत की सामरिक शक्ति को और अधिक मजबूत किया है और ब्रह्मोस प्रणाली की विश्वसनीयता को एक बार फिर साबित किया है।
दोनों घटनाएं—एक लोकतांत्रिक प्रक्रिया की मजबूती और दूसरी रक्षा क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि—भारत की संस्थागत स्थिरता और सैन्य तैयारी को रेखांकित करती हैं।
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