FEMA के तहत ईडी की छापेमारी, रांची के चार्टर्ड अकाउंटेंट नरेश कुमार केजरीवाल पर हवाला नेटवर्क का आरोप
ईडी ने चार्टर्ड अकाउंटेंट नरेश केजरीवाल पर विदेशी शेल कंपनियों के जरिए ₹900 करोड़ की अघोषित संपत्ति और ₹1,500 करोड़ की हवाला लेनदेन के आरोपों में व्यापक छापेमारी शुरू की।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने फॉरेन एक्सचेंज मैनेजमेंट एक्ट (FEMA) के तहत रांची स्थित चार्टर्ड अकाउंटेंट नरेश कुमार केजरीवाल, उनके परिवार के सदस्यों और सहयोगियों के ठिकानों पर छापेमारी शुरू की है। इन छापेमारियों का दायरा रांची, मुंबई और सूरत तक फैला हुआ है। ईडी का यह कदम आयकर विभाग की उन रिपोर्टों के आधार पर उठाया गया है, जिनमें केजरीवाल को एक “संदिग्ध हवाला ऑपरेटर” बताया गया है।
एजेंसी के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, आयकर विभाग की जांच में यह सामने आया है कि नरेश कुमार केजरीवाल संयुक्त अरब अमीरात (यूएई), नाइजीरिया और अमेरिका में कई विदेशी शेल कंपनियों को नियंत्रित करते हैं। रिपोर्ट के अनुसार, ये सभी कंपनियां भारत से ही प्रभावी रूप से संचालित होती थीं और इन्होंने लगभग ₹900 करोड़ की अघोषित विदेशी संपत्ति जमा कर रखी है।
इसके अलावा, इन विदेशी शेल कंपनियों के माध्यम से लगभग ₹1,500 करोड़ की राशि फर्जी टेलीग्राफिक ट्रांसफर (TT) के जरिए भारत में वापस भेजे जाने का भी संदेह है। यह माना जा रहा है कि यह पैसे हवाला नेटवर्क और अवैध वित्तीय लेनदेन का हिस्सा थे, जिनमें व्यापारिक बिलिंग, ओवर-इनवॉयसिंग और अंडर-इनवॉयसिंग जैसी प्रक्रियाओं का इस्तेमाल किया गया।
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ईडी की टीमें इस पूरे कथित नेटवर्क से जुड़े डिजिटल डेटा, बैंक दस्तावेज, लेनदेन रिकॉर्ड और संबंधित साक्ष्य इकट्ठा कर रही हैं। अधिकारियों का कहना है कि एजेंसी यह जांच कर रही है कि इस हवाला नेटवर्क का संबंध किन कारोबारियों, एजेंटों और अन्य वित्तीय चैनलों से था। शुरुआती जानकारी से संकेत मिलता है कि कई कंपनियां केवल कागजों पर मौजूद थीं और उनका उद्देश्य सिर्फ धन को इधर-उधर ट्रांसफर करना था।
एजेंसी ने यह भी संकेत दिया है कि आगे और कई लोगों और संस्थाओं पर शिकंजा कस सकता है, क्योंकि मामले में वित्तीय अनियमितताओं की राशि बहुत बड़ी मानी जा रही है।
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